नई दिल्ली: हाल ही में मुंबई के पीएफ ऑफिस में 21 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के एक फ्रॉड का मामला सामनेआया है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार ईपीएफओ की एक आंतरिक जांच के मुताबिक कांदीवली ऑफिस के 37 साल के एक क्लर्क ने 817 बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करके 21.5 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी की है। इनमें से अधिकांश पीएफ अकाउंट प्रवासी मजदूरों के थे। क्लर्क ने फर्जी तरीके से इन खाता धारकों के तरफ से पीएफ क्लेम का दावा किया था। पकड़े गए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इस खबर से देश के 6 करोड़ पीएफ खाता धारकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आप अपने पीएफ खाते से किसी तरह के फ्रॉड को कैसे रोक सकते हैं।
ऑनलाइन से फ्रॉड का बढ़ा खतरा
जैसा कि मुंबई के मामले में सामने आया है कि फ्रॉड करने वाले शख्स ने मजदूरों के नाम पर फर्जी तरीके से क्लेम का आवेदन किया और पैसा निकाल लिया। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि कोई पीएफ खाता धारक कभी भी अपने पीएफ अकाउंट के संबंध में जानकारी किसी दूसरों को नहीं बताए। इस संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने खाताधारकों को सतर्क करता रहता है। ऑनलाइन सुविधा मिलने से जहां फायदे हैं, वहीं इस बात का डर है कि आपकी जानकारी लेकर कोई भी पैसे निकाल सकता है। इसलिए बेहद सावधानी रखने की जरूरत है।
कभी नहीं करें ये काम
थोड़े अंतराल पर जरूर चेक करें बैलेंस
पीएफ अकाउंट नियमित रुप से इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि समय-समय पर खाता धारक अपने अकाउंट बैलेंस को चेक करते रहे। इसे ईपीएफओ की वेबसाइट और मिस्ड कॉल सुविधा से चेक किया जा सकता है।
कोविड दौर में मिली है ये विशेष सुविधा
कोविड-19 महामारी के चलते बहुत से लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी थी। या फिर उनकी कमाई पर असर पड़ा था। ऐसे में ईपीएफओ ने खाता धारकों को एक तय रकम निकालने की सुविधा दी थी। इसी का फायदा उठाकर मुंबई के कांदीवली ऑफिस से फ्रॉड किया गया। इस साल 31 मई तक 18500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम पीएफ खाता धारकों ने निकाली थी।
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