इंप्लाई प्रोविडेंट फंड (EPF) कर्मचारियों के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम में सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके जरिए वेतनभोगी कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा इस सेविंग स्कीम में जमा करते हैं और फिर अपनी वर्किंग लाइफ के अंत तक इसकी एक बड़ रकम के तौर पर प्राप्त करते हैं।
EPF के साथ आधार लिंक करने से पीएफ के पैसे विड्रॉ और ट्रांसफर करने में आसानी होती है। ईपीएफ के साथ आधार को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से लिंक कर सकते हैं। इसके लिए और यूएएन यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की जरूरत पड़ेगी।
ईपीएफओ के मेंबर ई सेवा पोर्टल की कई ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए ईपीएफओ अकाउंट में केवाईसी करना जरूरी है। इनमें विदड्रॉल क्लेम फाइल करना, अकाउंट ट्रांसफर करना, नॉमिनेशन करना इत्यादि शामिल हैं। केवाईसी अप्रूवल के बिना आप इसमें किसी भी प्रकार का ऑनलाइन क्लेम नहीं कर सकते हैं।
ईपीएफ की राशि कर्मचारी भविष्य निधि द्वारा मेंटेन किया जाता है। कानून के नियम के अनुसार जिन कंपनियों के पास 20 से ज्यादा व्यक्ति काम करते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में किया जाता है। इसके तहत कंपनी व्यक्ति के तनख्वाह का कुछ भाग यहां जमा करता है। पीएफ और ईपीएस के लिए कर्मचारी के मासिक वेतन से कुछ भाग की कटौती की जाती है और नियोक्ता द्वारा एक मिलने वाले भाग के जरिए से किया जाता है। अगर पीएफ खाताधारक अपने पीएफ जुड़े अपडेट्स के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें 12 डिजीट के आधार नंबर को पीएफ से लिंक करवाना होगा। बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि(EPF) एक तरह का निवेश है, जो सरकारी और गैर सरकारी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी के लिए होता है।
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