HP Siva Project : एचपी शिवा प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश बनेगा फलों का राज्य, 25000 परिवारों को मिलेगा रोजगार

बिजनेस
आईएएनएस
Updated Jul 20, 2020 | 12:36 IST

HP Siva Project : एचपी शिवा परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को फल राज्य के रूप में विकसित करना है, ताकि प्रदेश के साथ-साथ लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके।

HP Siva Project : Himachal Pradesh to become fruits state, 25000 families will get employment
हिमाचल प्रदेश बनेगा फलों का राज्य 
मुख्य बातें
  • एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना तैयार की गई है
  • इस पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे
  • इस पायलट प्रोजेक्ट को पहले निचले हिमाचल प्रदेश के 4 जिलों में लागू किया जा रहा है

HP Siva Project: समूचे हिमाचल प्रदेश को बागवानी राज्य बनाने व बागवानी के जरिए से प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने एशियन विकास बैंक (एडीबी) द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना तैयार की है। सरकार के प्रयासों व इस परियोजना को धरातल पर उतारने की बागवानी विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस परियोजना से हिमाचल प्रदेश फल राज्य बनेगा और इस पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए गए इस पायलट प्रोजेक्ट को पहले निचले हिमाचल के चार जिलों में लागू किया जा रहा है, जिनमें बिलासपुर, मण्डी, कांगड़ा और हमीरपुर जिले शामिल है।

चयनित जिलों में परियोजना को लागू करने के लिए 17 समूह गठित किए गए हैं, जिनके अन्तर्गत बिलासपुर में चार, मण्डी में छह, कांगड़ा में पांच व हमीरपुर जिला में दो समूह गठित किए गए हैं। एक समूह में 10 हैक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है। चिन्हित जिलों में परियोजना के अंतर्गत करीब 170 हैक्टेयर क्षेत्र में फलदार पौधे रोपित किए जाने हैं।

एचपी शिवा परियोजना पर किए जाएंगे 100 करोड़ रुपए खर्च 

एचपी शिवा परियोजना के अन्तर्गत चिन्हित क्षेत्रों में करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दो साल चलने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से करीब 500 परिवारों को बागवानी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। परियोजना के अंतर्गत लगभग 2.50 लाख फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें संतरा, लीची, अमरूद, अनार इत्यादि फलदार पौधे शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान बागवानी विभाग ने फल पौधरोपण स्थलों को तैयार कर लिया है। जुलाई व अगस्त माह में इन विभिन्न प्रजातियों के फलदार पौधों को प्रस्तावित स्थलों पर रोपित किया जाएगा।

इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत उन क्षेत्रों को विकसित करने को प्राथमिकता दी गई है, जहां अभी तक फल उत्पादन नहीं होता। इसके अतिरिक्त ऐसे स्थानों को भी परियोजना में शामिल किया गया है, जहां जंगली जानवरों से प्रभावित किसानों ने खेती-बाड़ी करना छोड़ दिया है, ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को बागवानी से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सके।

प्रथम चरण में 25 हजार परिवारों को किया जाएगा शामिल

एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना के पायलट प्रोजेक्ट के सफल कार्यन्वयन के बाद परियोजना का मुख्य प्रोजेक्ट वर्ष 2021-22 में आरम्भ किया जाएगा, जिस पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाने प्रस्तावित हैं। परियोजना के प्रथम चरण में प्रदेश के लगभग 25 हजार परिवारों को बागवानी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।

इन फलों की  होगी खेती, दी जा रही है ट्रेनिंग

प्रदेश सरकार ने बागवानों के हित में अनेक कदम उठाए हैं, जिसके अन्तर्गत फल फसलों को ओलों से बचाव के लिए करीब 12.50 लाख वर्ग मीटर ओला अवरोधक जालियां उपलब्ध करवाई गई हैं। सेब के बागीचों में परागण हेतु 46,265 मधुमक्खी के बक्से उपलब्ध करवाए गए हैं। फल फसलों को बीमारियों व कीट-पतंगों से बचाने के लिए 225 मीट्रिक टन कीटनाशक अनुदान दरों पर फल उत्पादकों को उपलब्ध करवाए गए हैं। बागवानों को फलों की तुड़ाई एवं अन्य प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। सेब, चेरी व गुठलीदार फलों की पैकिंग का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फलों की पैकिंग के लिए करीब 3.5 करोड़ बक्सों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा फल विधायन के लिए बागवानों से 8.3 मीट्रिक टन स्ट्रॉबेरी खरीदी गई है।

प्रदेश को फल राज्य के रूप में विकसित करना है मुख्य उद्देश्य

बागवानी मन्त्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि एचपी शिवा परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को फल राज्य के रूप में विकसित करना है, ताकि प्रदेश के साथ-साथ लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश के लगभग 25 प्रतिशत क्षेत्र में ही बागवानी की जाती है। उन्होंने कहा कि परियोजना में ऐसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है, जहां पर लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है।

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