दिल्ली : आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) सेफपे (SafePay) सुविधा लॉन्च की है। आम लोगों तक जल्द पहुंचने वाला है। इस डिजिटल सुविधा के जरिए ग्राहक बिना संपर्क किए ही अपने स्मार्टफोन के जरिए प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल द्वारा मान्य नीयर फील्ड कॉन्युनिकेशन (एनएफसी) पर भुगतान कर सकते हैं। सेफपे के जरिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मोबाइल ऐप में ही नीयर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) को शामिल किया जाएगा, जिसके जरिए बैंक द्वारा जारी डेबिट कार्ड से सुरक्षित भुगतान किया जा सकता है। सेफपे भुगतान में सोशल डिस्टेंसिंग का सपोर्ट करता है और इसके इस्तेमाल से ग्राहकों को न तो कार्ड अपने साथ रखना होगी और न ही उसे खरीदारी के समय मर्चेंट (दुकानदार) को सौंपना होगा।
ग्राहक अपने फोन को आसानी से घुमाकर भुगतान कर सकते हैं। इससे न सिर्फ लेन-देन की प्रक्रिया संपर्क रहित होती है, बल्कि तेज, सुरक्षित और सरल भी होती है। यह इस तरह की पहली ऐसी तकनीक है, जिसे मोबाइल ऐप के साथ जोड़ा जा रहा है। सेफपे के फीचर्स का सफल परीक्षण किया गया है और इसे वीजा द्वारा मान्यता दी गई है। अगले एक सप्ताह में यह बैंक के मोबाइल ऐप के जरिए ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी।
सेफपे के जरिए 2,000 रुपए प्रति लेन-देन तक का भुगतान किया जा सकता है और इसकी दैनिक सीमा 20,000 रुपए तक की है. इसके जरिए रोजमर्रा की खरीददारी को सरल बनाया जा सकता है। सेफपे को चालू करने के लिए ग्राहकों को एक बार अपने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक डेबिट कार्ड को मोबाइल ऐप के लिए लिंक करना होगा। सक्रिय होने के बाद, ग्राहक मर्चेंट के एनएफसी द्वारा मान्य पीओएस टर्मिनल पर अपना फोन अनलॉक करने के बाद घुमा कर भुगतान कर सकते हैं। इसके जरिए, एन्क्रिप्टेड कार्ड की जानकारी टर्मिनल पर वायरलेस तरीके से प्रसारित की जाती है। डेबिट कार्ड को मोबाइल ऐप के जरिए जोड़ा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर डिलीट भी किया जा सकता है। भुगतान करने के लिए एनएफसी मान्य स्मार्टफोन को अनलॉक करने के 30 सेकंड के भीतर ही टर्मिनल पर घुमाना होगा।
सेफपे, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के ग्राहकों तक उच्च गुणवत्ता के डिजिटल अनुभव पहुंचाने का प्रयासों का एक हिस्सा है। भुगतान की दुनिया में, बैंक का जोर लेद-देन सरल, सहज और सुरक्षित बनाने पर है। यह सुविधा निवासी बचत खाताधारकों के लिए उपलब्ध है, जिनके पास ओएस 5 और इसके बाद के एनएफसी सक्षम एंड्रॉइड डिवाइस पर वीजा कार्ड और आईडीएफसी फर्स्ट मोबाइल ऐप है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की खुदरा देनदारी के प्रमुख अमित कमार ने कहा कि वायरलेस दुनिया में लोग भुगतान का तरीका बदलना चाहते हैं। अभी तक, सुविधा डिजिटल भुगतानों को अपनाने के लिए चला रही है। अब, महामारी ने इसकी रफ्तार बढ़ा दी है। डिजिटल दुनिया में हमें एनएफसी तकनीक की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि सेफपे के जरिए भुगतान का अनुभव बेहतर और प्रतिरोधहीन बनता है। कार्डधारक के लिए कार्ड को भौतिक रूप से अपने पास रखने की जरूरत खत्म हो जाती है और अंतत: कार्ड गुम होने का चिंता भी खत्म हो जाती है। ग्राहक चंद पलों में भुगतान कर स्टोर्स से निकल सकते हैं।
वीजा के इंडिया और दक्षिण एशियाई प्रोडक्ट प्रमुख अरविंद रोन्टा ने कहा कि जैसा कि ग्राहक प्राथमिकता डिजिटल भुगतान को वरीयता दे रहे हैं, वैसे ही भुगतान प्रदातों को भी उनकी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम होना चाहिए, चाहे वह भौतिक कार्ड के माध्यम से हो या निकट सर्वव्यापी स्मार्टफोन। इस तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए, हमें खुशी है कि हम आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के ग्राहकों के लिए टैप-टू-पे लेनदेन शुरू कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व भर में एक अरब से अधिक टोकन जारी करने के साथ, हमारे ग्राहकों ने वीज़ा टोकन सेवा के माध्यम से संसाधित किए गए लेनदेन धोखाधड़ी की दर में 26% की कमी देखी है। वर्चुअल डेबिट कार्ड, टोकन आधारित और संपर्क-रहित तकनीक के साथ, स्मार्टफोन के जरिए भुगतान अब सरल और सुरक्षित है। हम ग्राहकों के लिए डिजिटल भुगतान को सरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और हर किसी को हर जगह सरक्षित भुगतान मुहैया करवाना चाहते हैं।
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