मुंबई : देश के हाजिर एवं वायदा बाजार में सोने का भाव सोमवार को लगातार चौथे सत्र में नरम रहा, लेकिन कोरोना काल में महंगी धातु के सारे फंडामेंटल मजबूत हैं, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना इस साल नई ऊंचाई को छू सकता है। कोरोनाकाल में आगामी त्योहारी सीजन की रौनक भले ही फीकी पड़ जाए, लेकिन सोने में निवेशक मांग को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि पीली धातु का भाव दिवाली तक 52000 रुपए प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार जा सकता है। बीते सप्ताह एक जुलाई को सोना भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर 48,982 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला था जोकि अब तक रिकॉर्ड स्तर है जबकि घरेलू हाजिर बाजार में सोने का भाव 50,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को तोड़ चुका है।
वहीं, अंतररष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 2000 डॉलर प्रति औंस तक जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। बीते सप्ताह एक जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना 1807.70 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि 21 सितंबर 2011 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है जब सोने का भाव 1812 डॉलर प्रति औंस था जबकि कॉमेक्स पर सोने का भाव छह सितंबर 2011 को रिकॉर्ड स्तर 1911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था।
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि सोने में इस समय सारे फंडामेंटल्स मजबूत हैं और हाजिर मांग भी जबरदस्त बनी हुई है, जिससे दिवाली तक सोन का भाव एमसीएक्स पर 52000 रुपए के स्तर को तोड़ सकता है, जबकि कॉमेक्स पर 2000 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है।
बीते चार दिनों से सोने में नरमी रहने की वजहों के बार में पूछे जाने पर केडिया ने बताया कि घरेलू बाजार में रुपए में आई मजबूती से सोने के भाव पर दबाव आया है, वहीं अंतररष्ट्रीय बाजार में नरमी की वजह अमेरिका में पिछले दिनों अच्छे आर्थिक आंकड़े आने से कोरोना से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी के संकेत मिले हैं। मगर, यह क्षणिक है और लंबी अवधि में तेजी का रुख बना रहेगा।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि शेयर बाजार में लौटी तेजी और रुपये में रिकवरी से सोने की चाल थोड़ी नरम पड़ गई है, लेकिन कोरोना के गहराते प्रकोप से बनी अनिश्चतता के माहौल में सोने में निवेश मांग बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि संकट काल में निवेशक सुरक्षि निवेश को पसंद करता है जिसमें सोना सबसे सुरक्षित साधन है।
देश के सर्राफा बाजार के कारोबारियों का भी यही अनुमान है कि सोने में इस साल तेजी बनी रहेगी। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि बिना जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) 24 कैरट सोने का भाव हाजिर बाजार में दिवाली तक 52000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार चला जाएगा। हालांकि इस स्तर से उपर सोना का भाव बहुत समय तक नहीं टिक पाएगा और जल्द ही भाव टूटेगा। उन्होंने कहा कि सोने में तेजी की मुख्य वजह कोरोना काल में दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती है, जिससे सोने में निवेश मांग बनी हुई है।
जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेटीसीआई) के प्रेसीडेंट शांति भाई पटेल हालांकि सोने में ज्यादा तेजी की उम्मीद करते हैं। उनका कहना है कि इस समय सोने की ज्वेलरी मांग से कहीं ज्यादा निवेश मांग हैं, जो मौजूदा संकटकाल में बना रहेगा। पटेल ने कहा कि बीते सप्ताह सोना 51000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया। ऐसे में आगे दिवाली और धनतेरस की मांग जोर पकड़ने से 55000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जाना मुश्किल नहीं लग रहा है। हालांकि पटेल ने जिस भाव का जिक्र किया, उसमें जीएसटी जुड़ा हुआ है। सोने पर तीन फीसदी जीएसटी लगता है।
उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह अहमदाबाद में 24 कैरट सोने का भाव 50600 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला। एमसीएक्स पर अगस्त एक्सपायरी सोने के अनुबंध में सोमवार को दोपहर 13.42 बजे पिछले सत्र से 46 रुपये की कमजोरी के साथ 48000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था। वहीं, चांदी के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से 88 रुपये की बढ़त के साथ 49265 रुपए प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था।
कॉमेक्स पर सोने के अगस्त अनुबंध में पिछले सत्र से 5.45 डॉलर की कमजोरी के साथ 1784.55 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था। वहीं, चांदी के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से 0.25 फीसदी की बढ़त के साथ 18.36 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था।
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