IIP And Inflation Data:मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है। मई महीने में औद्योगिक उत्पादन (Index of Industrial Production)में अप्रैल के मुकाबले तेजी देखी गई है। मई महीने में IIP 19.6 फीसदी की दर से बढ़ा है। जबकि अप्रैल में यह 7.1 फीसदी के स्तर पर था। इसी तरह बढ़ती महंगाई पर भी थोड़ी लगाम लगी है। और जून के महीने में वह मई के 7.04 से घटकर 7.01 फीसदी पर आ गई है। वैसे तो गिरावट नहीं के बराबर है लेकिन अच्छी बात यह है कि इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि अभी भी यह आरबीआई के सामान्य स्तर 6 फीसदी से ज्यादा है।
क्यों बढ़ा औद्योगिक उत्पादन
मंगलवार को NSO द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में औद्योगिक उत्पादन बढ़ने की प्रमुख वजह मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग और पॉवर सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन करना रहा है। मई में जहां मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 20.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं माइनिंग में 10.9 और पॉवर जेनरेशन में 23.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा मतलब है मई महीने में अप्रैल के मुकाबले औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आई है। लेकिन अगर मई 2021 से इस बार के आईआईपी की तुलना की जाय तो 2022 में आईआईपी में 2021 के मुकाबले कम बढ़ोतरी हुई है। मई 2021 में कम बेस की वजह से आईआईपी में 27.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
क्या कहते हैं महंगाई के आंकड़े
जहां तक महंगाई की बात है तो बड़ी राहत नहीं मिली है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इस बार उसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है। और वह मई के स्तर से थोड़ी कम हुई है। जून में रिेटेल महंगाई दर 7.01 फीसदी पर है। जबकि मई में यह 7.04 फीसदी के स्तर पर थी। चिंता की बात यह है कि महंगाई ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाके की तुलना में ज्यादा है। ग्रामीण इलाके में जून में महंगाई दर 7.09 फीसदी पर थी, जबकि शहरी इलाकों में यह 6.92 फीसदी पर थी। पेट्रोल-डीजल सब्जी, खाने के तेल, मसालों की कीमतें ज्यादा होने से महंगाई में ज्यादा गिरावट नहीं आ पाई है। इस दौरान अंडे और दालों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
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