नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ग्राहकों को डिजिटल तरीके से तत्काल 5 लाख रुपए तक भेजने के लिए अगले महीने से कोई शुल्क नहीं देना होगा। एसबीआई ने मंगलवार को यह घोषणा की। फिलहाल, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के तहत दो लाख रुपए भेजने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है।
देश के सबसे बड़े बैंक ने एक बयान में कहा कि ग्राहकों को बैंक के डिजिटल तौर-तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर एसबीआई अब 5 लाख रुपए तक के आईएमपीएस लेन-देन के लिए कोई शुल्क नहीं लेगा। यह लेन-देन योनो ऐप, इंटरनेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग के जरिये किया जा सकता है।
अगर कोई बैंक की शाखा में जाकर आईएमपीएस के जरिये पैसा भेजना चाहता है, 1,000 रुपए तक के लिए कोई शुल्क नहीं है। हालांकि, एक फरवरी से 1,000 रुपए से अधिक और 2 लाख रुपए तक के लेन-देन पर 2 रुपए से 12 रुपए के सेवा शुल्क के साथ उस पर जीएसटी लगेगा।
एसबीआई ने कहा कि उसने 2 लाख रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक के लेन-देन की नई श्रेणी जोड़ी है। शाखा के जरिये इस राशि के लेन-देन को लेकर एक फरवरी से 20 रुपए के साथ जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लगेगा। अगर ग्राहक पैसा इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या योनो ऐप के माध्यम से भेजते हैं, तो उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा।
एसबीआई के अनुसार, डिजिटल माध्यम से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये पैसा भेजने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। जबकि बैंक शाखा के जरिये एनईएफटी के माध्यम से पैसा भेजने पर 2 से 20 रुपये के अलावा जीएसटी देना होगा।
इसी प्रकार, डिजिटल माध्यम से आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के जरिये पैसा भेजने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। जबकि बैंक शाखा के माध्यम से पैसा भेजने पर 20 से 40 रुपये के अलावा जीएसटी देना होगा।
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