Revealed in survey : कोरोना काल में करोड़ों लोग थे बेचैन, लेकिन एक तिहाई थे मौज में, जानिए कैसे

बिजनेस
आईएएनएस
Updated Oct 01, 2020 | 17:50 IST

कोरोना काल में देश में करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं। लेकिन सर्वे से यह पता चला कि एक बड़े वर्ग की आय प्रभावित नहीं हुई।

In Corona era, crores of people were restless, but one third were in fun in India, know how
प्रवासी मजदूर 

गुरुग्राम : कोरोना महामारी के दौर में आय में कमी होने की वजह से ज्यादातर लोगों की आय प्रभावित हुई जिससे उनकी पुनर्भुगतान क्षमता एवं ईएमआई भुगतान क्षमता पर असर पड़ा। लेकिन जिन लोगों ने मोरेटोरियम लिया था, उनमें से एक बड़े वर्ग की आय प्रभावित नहीं हुई और उनके पास पुनर्भुगतान क्षमता है। एक सर्वे से इस बात जानकारी मिली है। सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने मोरेटोरियम का लाभ उठाया है, और साथ ही इस अवधि के दौरान उनकी आय में कोई कमी नहीं आई।

एक तिहाई से अधिक लोगों के वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा 

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नौकरीपेशा उपभोक्ताओं में से जिन्होंने मोरेटोरियम लिया, उनमें से एक तिहाई (34 फीसदी) से अधिक लोगों के वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मोरेटोरियम लेने के पीछे एक प्राथमिक कारण उनकी नौकरी खोने का डर हो सकता है। भविष्य में वेतन में महत्वपूर्ण कटौती या मोरेटोरियम के दौरान भी ब्याज देने के नियम का ना पता होना भी हो सकता है।

मोरेटोरियम का लाभ उठाने वाले 40% ईएमआई का पूरा भुगतान करने में सक्षम

एक और बड़ा कारक यह था कि जिन उपभोक्ताओं ने मोरेटोरियम का लाभ उठाया था, उनमें से 40 फीसदी ने कहा कि वे इस महीने से अपनी ईएमआई का पूरा भुगतान कर सकते हैं। अब जब लोन के लिए मोरेटोरियम पीरियड खत्म हो चुका है, कंज्यूमर सर्वे डील विद डैट : हाउ इंडिया प्लान्स टू पे ईएमआई के आधार पर बनी रिपोर्ट, वर्तमान में ग्राहकों की आय और पुनर्भुगतान क्षमता पर कोरोनोवायरस महामारी का प्रभाव दिखाती है।

लोन रिस्ट्रक्चर का प्लान करना चाहते हैं लोग

यह सर्वे 1 लाख रुपए या अधिक के लोन वाले 35 से ज्यादा शहरों के 24 वर्ष से 57 वर्ष के बीच के लोगों के बीच किया गया और पैसा बाजार डॉट कॉम के 8500 से अधिक उपभोक्ताओं ने इसमें भाग लिया। सर्वे में भाग लेने वाले आधे से अधिक ग्राहकों ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्चर प्लान के लिए अपने बैंक/लोन संस्थान से संपर्क करना चाहेंगे। जिन लोगों ने मोरेटोरियम लिया था, उनमें से 70 फीसदी ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्चर प्लान के लिए आवेदन करेंगे।

लोन सप्लाई को कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद

पैसाबाजार डॉट कॉम के सीईओ और को-फाउंडर नवीन कुकरेजा ने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है और आय लगातार बढ़ने लगी है, तो हम 7-9 महीनों में लोन सप्लाई को कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं। अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर वापस खड़े होने से, महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र जैसे, यात्रा, एविएशन, हॉस्पिटैलिटी इत्यादि को लोन संस्थानों द्वारा फिर से तरजीह दी जाने लगेगी।

मोराटोरियम लेने वालों का सबसे अधिक मुंबई वाले

सर्वे के अनुसार, मोराटोरियम लेने वालों का सबसे अधिक प्रतिशत मुंबई में था, यहां के 65 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्होंने मोराटोरियम लिया था। सर्वे में यह भी पता चला कि 50 वर्ष या उस से ज्यादा उम्र वाले ग्राहक कम उम्र के ग्राहकों की तुलना में आर्थिक रूप से अधिक स्थिर थे। वृद्ध उपभोक्ताओं में मोरेटोरियम लेने वालों का अनुपात कम था और ज्यादा ईएमआई होने के बावजूद सबसे अच्छी भुगतान क्षमता थी।

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