नई दिल्ली। देश में महंगाई एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इसका सीधा असर नागरिकों और भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। ना सिर्फ पेट्रोल- डीजल, रसोई गैस सिलेंडर, सीएनजी और पीएनजी, बल्कि जनता खाने के तेल की उच्च कीमतों से भी परेशान है। मोदी सरकार महंगाई को नियंत्रित रखने का प्रयास कर रही है। भारत में बड़ी मात्रा में खाने के तेल का आयात किया जाता है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने खाने के तेल के आयात को लेकर बड़ा बयान दिया।
नए विकल्प तलाश रहा है भारत
वित्त मंत्री ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के एक कार्यक्रम में कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच अब भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्प की तलाश कर रहा है। उन्होंने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत को खाने के तेलों के आयात में काफी मुश्किलों हो रही है।
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आयात में आ रही हैं कई बाधाएं
आगे सीतारमण ने कहा कि, 'इसमें कई बाधाए हैं। भारत यूक्रेन से बड़ी मात्रा में सनफ्लावर तेल का आयात करता है। लेकिन मौजूदा स्थिति में ऐसा नहीं हो पा रहा है। हम खाने के तेलों का आयात नहीं कर पा रहे हैं। हमें सनफ्लावर तेल मिल रहा था। अब ऐसा नहीं हो पा रहा है।'
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ऐसी में हम कई दूसरे बाजारों से खाने के तेलों का आयात कर रहे हैं। हमारी कुछ नए बाजारों पर नजर है। उन्होंने डोमेस्टिक कारोबारियों से इस मौके का फायदा उठाने के लिए तेल निर्यात की संभावनाओं पर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को हर चुनौती को अवसर में बदलने का मौका देखना चाहिए। सरकार हमेशा अपना समर्थन देने के लिए तैयार है।
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