GDP Growth: बजट 2022 को पेश होने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर दोबारा चर्चा होने लगी है। विभिन्न एजेंसियों द्वारा जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान लगाए जा रहे हैं। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings and Research) ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.6 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि लगभग दो साल के अंतराल के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अर्थपूर्ण विस्तार होगा। 2022-23 में वास्तविक जीडीपी के 2019-20 (कोविड-पूर्व स्तर) से 9.1 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार जीडीपी के रुझान मूल्य से 10.2 फीसदी कम रहेगा।
पहले एनएसओ ने जताया था अनुमान
इस कमी में मुख्य योगदान निजी खपत और निवेश मांग की गिरावट का रहेगा। कुल गिरावट में निजी खपत का हिस्सा 43.4 फीसदी और निवेश मांग का हिस्सा 21 फीसदी रहेगा। इससे पहले इसी महीने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने जीडीपी पर अपने पहले अग्रिम अनुमान में कहा था कि 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 9.2 फीसदी रहेगी। इससे पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी।
सरकार और RBI देंगे अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन
इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री और निदेशक लोक वित्त सुनील कुमार सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि अभी सरकार राजकोषीय मजबूती की हड़बड़ी में नहीं है। इसका आशय है कि 2022-23 में भी राजकोषीय घाटा ऊंचा रहेगा। इससे वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
इतना रह सकता है राजकोषीय घाटा
एजेंसी का अनुमान है कि 2022-23 में राजकोषीय घाटा 5.8 फीसदी से छह फीसदी के बीच रहेगा। सिन्हा ने कहा कि मुद्रास्फीति का रुझान अभी ऊपर की ओर है और अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार सुस्त है। ऐसे में निकट भविष्य में केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में वृद्धि से बचेगा।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)
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