Rupee vs Dollar: वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में तेज उछाल के कारण आयातित मुद्रास्फीति (Inflation) और देश के व्यापार और चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका के बीच भारतीय रुपया (Indian Rupee) सोमवार को शुरुआती कारोबार में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
81 पैसे टूटा रुपया
रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia Ukraine War) के कारण भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने के बीच निवेशकों द्वारा डॉलर के रूप में सुरक्षित ठिकाना खोजने से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 81 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 76.98 पर आ गया।
कमोडिटी की ऊंची कीमतों के साथ-साथ इक्विटी बाजारों से विदेशी फंडों के परिणाम ने भारतीय रुपये को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा दिया।
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कच्चे तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी
इस संदर्भ में विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने कच्चे तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की है, जिससे घरेलू मुद्रास्फीति और व्यापार घाटे को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा विदेशी कोषों के लगातार बाहर जाने और घरेलू शेयर बाजार में गिरावट से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
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पिछले सत्र में 23 पैसे टूटा था रुपया
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.85 पर खुला, और पिछले बंद भाव के मुकाबले 81 पैसे की गिरावट दर्ज करते हुए 76.98 पर आ गया। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे टूटकर 76.17 पर बंद हुआ था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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