नई दिल्ली: महामारी की वजह से आई सुस्ती के बाद आने वाले समय में भारत में बेहतर वेतन वृद्धि की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अगले साल 9.3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का अनुमान है और खास बात यह है कि देश एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक भुगतान करने वाला देश होगा।एडवाइजरी, ब्रोकिंग और सॉल्यूशंस कंपनी विलिस टावर्स वॉटसन की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि यह 2021 की तुलना में 8 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में 2021 के लिए उच्चतम वेतन वृद्धि के लिए भारत के बाद श्रीलंका (5.5 प्रतिशत), चीन (6 प्रतिशत), इंडोनेशिया (6.9 प्रतिशत) और सिंगापुर (3.9 प्रतिशत) का स्थान है। एक बहुप्रतीक्षित आर्थिक सुधार की ओर इशारा करते हुए, भारत में अधिकांश कंपनियों (52.2 प्रतिशत) ने अगले 12 महीनों के लिए सकारात्मक व्यावसायिक राजस्व दृष्टिकोण का अनुमान लगाया है, जो कि 2020 की चौथी तिमाही में 37 प्रतिशत से अधिक है।
कारोबारी परिदृश्य में सुधार से नौकरियों की स्थिति भी सुधरेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 प्रतिशत कंपनियां अगले एक साल के दौरान नई नियुक्तियों की तैयारी कर रही हैं। यह 2020 की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कामकाज जैसे इंजीनियरिंग (57.5 प्रतिशत), सूचना प्रौद्योगिकी (53.3 प्रतिशत), तकनीकी कौशल (34.2 प्रतिशत), बिक्री (37 प्रतिशत) और वित्त (11.6 प्रतिशत) में सबसे अधिक भर्तियां देखने को मिलेंगी। इन नौकरियों में कंपनियां ऊंचे वेतन की पेशकश करेंगी।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नौकरी छोड़ने की दर भी क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में कम रही है। इस मामले में स्वैच्छिक और अनैच्छिक दोनों तरह से, भारत में यह दर कम देखने को मिली है। भारत में इस संबंध में स्वैच्छिक दर 8.9 प्रतिशत और अनैच्छिक दर 3.3 प्रतिशत दर्ज की गई है। विलिस टावर्स वॉटसन के कंसल्टिंग लीडर इंडिया, टैलेंट एंड रिवार्डस, राजुल माथुर ने अपने एक बयान में कहा, "व्यावसायिक आशावाद में वृद्धि स्पष्ट रूप से उच्च वेतन बजट और बढ़ी हुई हायरिंग गतिविधि में तब्दील हो रही है। जिस तरह से संगठन अपने लोगों के खर्च की योजना बना रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि महामारी एक महत्वपूर्ण क्षण रहा है।"
रिपोर्ट के अनुसार, उच्च तकनीक क्षेत्र में 2022 में 9.9 प्रतिशत की उच्चतम वेतन वृद्धि देखने की उम्मीद है, इसके बाद उपभोक्ता उत्पादों और खुदरा क्षेत्र में 9.5 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 9.30 प्रतिशत की वृद्धि होगी। दूसरी ओर, ऊर्जा क्षेत्र को 2021 में सबसे कम 7.7 प्रतिशत वास्तविक वेतन वृद्धि प्राप्त हुई। 2022 में ऊर्जा क्षेत्र का अनुमानित वेतन भी सबसे कम 7.9 प्रतिशत आंका गया है। यह रिपोर्ट छमाही सर्वेक्षण है। यह सर्वेक्षण मई और जून, 2021 के दौरान एशिया-प्रशांत की विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की 1,405 कंपनियों के बीच किया गया। इस साल सर्वेक्षण में 435 भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं।
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