चीन से आयात पर निर्भरता कम करेगा भारतीय वाहन कलपुर्जा उद्योग

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भाषा
Updated Jun 24, 2020 | 15:13 IST

भारत और चीन में तनाव के बीच भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ ने कहा कि घरेलू वाहन उद्योग भी चीनी आयात पर निर्भरता कम करना चाहता है।

Indian auto parts industry to reduce dependence on imports from China
चीन से आयात पर निर्भरता कम करने का विचार  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : देश का वाहन कलपुर्जा उद्योग सीमा तनाव के बीच चीन से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठा रहा है। करीब 57 अरब डॉलर का वाहन कलपुर्जा उद्योग ‘स्थानीयकरण’ तथा चीन के आयात से जोखिम को कम करने की पहल कर रहा है। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही घरेलू वाहन उद्योग भी चीनी आयात पर निर्भरता कम करना चाहता है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से वाहन उद्योग को महत्वपूर्ण कलपुर्जों की कमी से जूझना पड़ा था। अभी चीन से बाहर की कंपनियां वाहन कलपुर्जों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।

चीन से हुआ था 4.75 अरब डॉलर का आयात 

वित्त वर्ष 2018-19 में भारत ने 17.6 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जों का आयात किया था। इसमें से 27 प्रतिशत यानी 4.75 अरब डॉलर का आयात चीन से हुआ था। एसीएमए के महानिदेशक विनी मेहता ने कहा कि कोविड-19 महामारी और उसके चलते हुए लॉकडाउन की वजह से सभी अर्थव्यवस्थाओं और उद्योगों ने आयात पर निर्भरता घटाने पर विचार करना शुरू कर दिया है।

उद्योग को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत 

उन्होंने कहा कि देश के वाहन उद्योग ने अपने जोखिम को कम करना शुरू किया है। वह गंभीरता से स्थानीयकरण पर ध्यान दे रहा है। मेहता ने कहा कि भारत-चीन के बीच हालिया विवाद के बाद यह प्रक्रिया और तेज होगी। उन्होंने कहा कि इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि उद्योग को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। कंपनियों और सरकार को साथ मिलकर इसकी रूपरेखा बनानी होगी और उसी के अनुरूप काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि न तो सरकार अकेले ऐसा कर सकती है और न ही उद्योग। दोनों को साथ काम करना होगा। मेहता ने कहा कि घरेलू वाहन कलपुर्जा उद्योग की वृद्धि के लिए सरकार को कारोबार सुगमता, सस्ती दर पर पूंजी की उपलब्धता, लॉजिस्टिक्स और ऊर्जा की लागत पर ध्यान देना होगा।

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