Indian Government on Cryptocurrency: सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का काफी क्रेज है। कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम भी लागू किए हैं। बात अगर भारत की करें, तो भारत सरकार फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है। सरकार ने वित्त विधेयक-2022 (Finance Bill 2022) में कुछ दबलाव करते हुए इसके लिए नियम और सख्त करने का प्रस्ताव रखा है।
सरकार ने अन्य डिजिटल एसेट से लाभ के साथ किसी भी नुकसान की भरपाई की अनुमति नहीं देकर क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान (Tax on Cryptocurrency) के नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव किया। मंत्रालय ने लोकसभा सदस्यों को जारी वित्त विधेयक, 2022 में संशोधनों के तहत डिजिटल परिसंपत्तियों से लाभ के साथ नुकसान की भरपाई से संबंधित खंड से 'अन्य' शब्द को हटाने का प्रस्ताव किया है।
VDA में क्रिप्टोकरेंसी और NFT शामिल
इसका मतलब है कि 'वर्चुअल डिजिटल' संपत्तियों (VDA) के ट्रांसफर से होने वाले घाटे की अन्य वीडीए के स्थानांतरण से होने वाली आय के जरिए भरपाई की अनुमति नहीं होगी। वित्त विधेयक, 2022 के अनुसार वर्चुअल डिजिटल संपत्ति कोड या संख्या अथवा टोकन हो सकता है, जिसे स्थानांतरित किया जा सकता है या फिर उसे रखा जा सकता है अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार किया जा सकता है। वीडीए में क्रिप्टोकरेंसी और 'नॉन फंजिबल टोकन' (NFT) शामिल है, जिसके प्रति हाल के दिनों में आकर्षण बढ़ा है।
एक अप्रैल से लगेगा टैक्स
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट (Budget 2022-23) में क्रिप्टो संपत्ति पर आयकर लगाने को लेकर चीजें स्पष्ट की गयी हैं। एक अप्रैल से ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ सेस और सरचार्ज लगाया जाएगा। यह टैक्स ठीक उसी प्रकार से लगेगा, जैसे लॉटरी जैसे सट्टे वाले लेन-देन से होने वाले लाभ पर लगता है।
क्रिप्टो पर रुख स्पष्ट कर सरकार: कांग्रेस
शुक्रवार को कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में असमानता की स्थिति का सामना करने और गरीबों एवं अमीरों के बीच खाई बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर रुख स्पष्ट करना चाहिए।
(एजेंसी इनपुट- भाषा)
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