Indian Railway Ticket Fare :वरिष्ठ नागरिकों को दोबारा छूट नहीं देने के ऐलान के बाद हुई आलोचना और चौतरफा दबाव के बाद, रेलवे कुछ छूट देने की तैयारी कर रही है। लेकिन यह छूट रेलवे बड़ी कंजूसी के साथ देने की तैयारी में हैं। यानी अगर नया प्लान लागू होता है, तो वरिष्ठ नागरिक कैटेगरी में आने वाले बहुत कम लोगों की ही इसका लाभ मिल सकेगा। कोरोना के समय रेलवे ने साल 2020 में वरिष्ठ नागरिकों को छूट देने पर रोक लगा दी थी।
क्या है प्लान
पीटीआई के अनुसार रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को फिर से किराए में छूट देने की तैयारी कर रही है। लेकिन यह छूट पहले जैसे नहीं होगी। इसके तहत रेलवे नए सिरे से उम्र से लेकर यात्रा के क्लास तक में बदलाव करेगा। मसलन नए नियमों के तहत 70 साल से ज्यादा के उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ही छूट दी जा सकती है। इसी तरह टिकट किराए में छूट केवल नॉन एसी कैटेगरी में यात्रा करने वाले पात्र वरिष्ठ नागरिकों को ही दी जा सकती है। यानी एसी में सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को छूट नहीं दी जाएगी।
पहले क्या मिलती थी छूट
मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिक कैटेगरी में महिलाओं को किराये पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिये 40 फीसदी छूट मिलती थी। इसके लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिये 60 वर्ष तय थी। लेकिन कोरोना काल के बाद यह छूट खत्म कर दी गई। रेल मंत्री के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों को टिकट पर छूट देने से 2017-18 से 2019-20 के बीच रेलवे को 4794 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
प्रीमियम ट्रेन से कमाई पर नजर
रेलवे इसके अलावा प्रीमियम ट्रोनों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है। अभी कुल 80 प्रीमियम ट्रेन रेलवे चलाता है। और अगर इसकी संख्या में बढ़ोतरी करता है, तो निश्चित तौर पर रेलवे की कमाई बढ़ेगी। लेकिन इसका असर आम नागरिकों के जेब पर ही पड़ेगा। फिलहाल रेलवे चार तरह के विकलांग कैटगरी और 11 तरह के मरीजों और छात्रों को रियायती रेल टिकट उपलब्ध करा रही है।
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