Train to Bangladesh: भारतीय रेलवे ने पहली बार किया ये काम, बांग्लादेश भेजी स्पेशल पार्सल ट्रेन, जानिए क्यों?

Special Train to Bangladesh: कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय रेलवे ने एक और रिकॉर्ड बनाया। पहली बार ट्रेन से बांग्लादेश तक जरूरी चीजें पहुंचाईं। 

Indian Railways did this work first time, sent special parcel train to Bangladesh, know why?
भारतीय रेलवे ने पहली बार बांग्लादेश भेजी स्पेशल पार्सल ट्रेन 
मुख्य बातें
  • भारतीय रेलवे ने 16 पार्सल वैन की एक स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस मालगाड़ी बांग्लादेश के बेनापोल भेजी
  • स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस मालगाड़ी द्वारा कुल 384 टन वजन का सामान ले जाया गया
  • स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस द्वारा माल ले जाने की लागत प्रति टन 4,608 रुपए आई

Special parcel train to Bangladesh: कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय रेलवे संकटमोचक के तौर पर उभरकर सामने आया है। वह देशभर में लोगों के लिए जरूरी सामानों की मुस्तैदी के साथ आपूर्ति करा रहा है। इतना ही नहीं पड़ोसी बांग्लादेश को भी मदद कर रहा है। भारतीय रेलवे ने पहली बार देश की सीमा से पार बांग्लादेश के लिए आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रेड्डीपलेम से सूखी मिर्च की एक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन से ढुलाई की। इससे पहले, गुंटूर और आसपास के इलाके के किसान और व्यापारी कम मात्रा में सूखी मिर्च सड़क मार्ग से बांग्लादेश ले जाते रहे हैं और इस पर लागत करीब 7000 रुपए प्रति टन आती है। 

मालगाड़ियों के जरिये थोक में सूखी मिर्च को ले गए

लॉकडाउन के दौरान वे सड़क रूट से इस जरूरी वस्तु को नहीं ले जा सके। तब रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों ने मिर्च ले जाने वालों से संपर्क किया और रेल से माल ले जाने की सुविधाओं के बारे में विस्तार से समझाया। वे मालगाड़ियों के जरिये थोक में सूखी मिर्च को ले गए। लेकिन, मालगाड़ी से सामान भेजने के लिए किसानों और व्यापारियों को अधिक मात्रा यानी हर खेप में कम से कम 1500 टन से अधिक माल का इंतजाम करना जरूरी होगा।

स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन बांग्लादेश के बेनापोल गई

इसके बाद 16 पार्सल वैन से युक्त एक स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस मालगाड़ी बांग्लादेश के बेनापोल गई। प्रत्येक पार्सल वैन को सूखी मिर्च की 466 बोरियों से भरा गया था, जिसका वजन करीब 19.9 टन था और इस प्रकार स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस मालगाड़ी द्वारा कुल 384 टन वजन का सामान ले जाया गया। स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस द्वारा माल ले जाने की लागत प्रति टन 4,608 रुपए आई जो सड़क परिवहन के 7,000 रुपए प्रति टन की तुलना में बहुत सस्ती और किफायती है।

मध्य रेलवे ने स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस को बांग्लादेश के लिए रवाना किया

इस समस्या को कम करने के लिए और रेल यूजर्स को कम मात्रा यानी प्रत्येक खेप में अधिकतम 500 टन तक का माल भेजने की सुविधा देने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे के गुंटूर डिवीजन ने पहल की और स्पेशल पार्सल एक्सप्रेस को बांग्लादेश के लिए रवाना किया। इससे गुंटूर के किसानों और व्यापारियों को विशेष पार्सल एक्सप्रेस के जरिये थोड़ी मात्रा में सूखी मिर्च का परिवहन करके देश की सीमा से बाहर अपने कृषि उत्पाद की मार्केटिंग करने में मदद मिली है।

 

पार्सल ट्रेन यातायात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं

आंध्र प्रदेश के गुंटूर और इसके आस-पास के इलाके मिर्च की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। अपने स्वाद और ब्रांड में विशिष्टता के लिए इस कृषि उपज की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। यह गौर करने वाली बात है कि भारतीय रेलवे ने कोविड अवधि के दौरान पार्सल ट्रेन यातायात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारतीय रेलवे ने 22 मार्च 2020 से 11 जुलाई 2020 तक कुल 4434 पार्सल गाड़ियां चलाई जिनमें 4304 गाड़ियां समयबद्ध तरीके से चलने वाली हैं।

चुनिंदा रूटों पर तय समय पर चलने वाली स्पेशल पार्सल ट्रेनें

छोटे पार्सल आकारों में मेडिकल आपूर्ति, मेडिकल उपकरण, भोजन इत्यादि जैसी जरूरी वस्तुओं का परिवहन बहुत ही महत्वपूर्ण है जो व्यवसाय के साथ-साथ उपभोग के लिए भी आवश्यक है। इस महत्वपूर्ण जरूरतों की पूर्ति के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित अन्य ग्राहकों द्वारा तुरंत परिवहन के लिए रेलवे पार्सल वैन उपलब्ध कराए हैं। रेलवे आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा रूटों पर तय समय पर चलने वाली स्पेशल पार्सल ट्रेनें चला रहा है।
 

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