भारतीय रेलवे ने बनाए 1.91 लाख पीपीई गाउन, 66.4 किलोलीटर सैनिटाइजर, 7.33 लाख मास्क

Railway's war against Corona virus : भारतीय रेल भी कोविड-19 महामारी से सुरक्षा उपलब्ध कराने की चुनौती से पार पाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Indian Railways made 1.91 lakh PPE gowns, 66.4 kiloliter sanitizer, 7.33 lakh masks
भारतीय रेलवे ने बनाए लाखों मास्क, पीपीई गाउन, सैनिटाइजर   |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • रेलवे ने खुद ही पीपीई कवरऑल्स, सैनिटाइजर, मास्क, कॉट्स (पलंग) का मैन्युफैक्चरिंग किया है
  • इन सामानों के मैन्युफैक्चरिंग के लिए कच्चे माल की खरीद भी क्षेत्रीय यूनिट्स द्वारा की गई है
  • जून, जुलाई में 1.5 लाख (हर महीने) पीपीई कवरऑल बनाने का लक्ष्य तय किया गया है

नई दिल्ली : कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरा देश जुटा हुआ है। इस क्रम में भारतीय रेलवे भी कमर कसकर लगा हुआ है। करीब 60 लाख प्रवासी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाकर उनके घर तक पहुंचाया। आम लोगों के लिए 230 स्पेशल ट्रेनें चलाईं। लॉकडाउन के दौरान जरूरी समानों को एक जगह से दूसरी जगहों तक पहुंचाया ताकि घरों में रह रहे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसी तरह रेलवे ने खुद ही पीपीई कवरऑल्स, सैनिटाइजर, मास्क, कॉट्स (पलंग) का मैन्युफैक्चरिंग किया है। इन सामानों के मैन्युफैक्चरिंग के लिए कच्चे माल की खरीद भी क्षेत्रीय यूनिट्स द्वारा की गई है। 

जून, जुलाई महीने में 1.5 लाख पीपीई कवरऑल बनाने का लक्ष्य

भारतीय रेल ने 24 जून 2020 तक 1.91 लाख पीपीई गाउन, 66.4 किलोलीटर सैनिटाइजर, 7.33 लाख मास्क आदि का मैन्युफैक्चरिंग किया है। जून और जुलाई महीने के लिए 1.5 लाख (प्रति महीने) पीपीई कवरऑल बनाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसे आगे बढ़ाए जाने का अनुमान है। लॉकडाउन के दौरान कच्चे माल और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की सेंटरलाइज्ड खरीद और वितरण जैसे अत्यंत कठिन काम को इन टेस्टिंग के तहत हालातों में संपन्न किया गया। पीपीई कवरऑल गाउनों के मैन्युफैक्चरिंग में आवश्यक कच्चे माल की सेंटरलाइज्ड खरीद के लिए उत्तर रेलवे को नामित किया गया है। सभी इन-हाउस (रेलवे में) बना हुआ प्रोडक्ट सभी लागू गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं।

तैयारियों को और मजबूत बनाने का उद्देश्य

रेलवे की तैयारियों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से रेलवे की सभी यूनिट्स की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्तर रेलवे द्वारा केन्द्रीय रूप से एम/एस एचएलएल लाइफ केयर (एमओएचएफडब्ल्यू के तहत आने वाला पीएसयू) पर पीपीई कवरआल (22 लाख), एन95 मास्क (22.5 लाख), हैंड सैनिटाइजर 500 मिली (2.25 लाख) और अन्य सामानों के लिए ऑर्डर दिया है।

रेलवे के 50 अस्पतालों को कोविड समर्पित

रेल मंत्रालय ने रेलवे के 50 अस्पतालों को कोविड समर्पित अस्पतालों और कोविड समर्पित स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में नामित किया है। कोविड महामारी की चुनौती से पार पाने के लिए चिकित्सा उपकरणों और अन्य सामानों की खरीद के माध्यम से इन अस्पतालों में सुविधाओं में सुधार किया गया है। कोविड-19 के शुरुआती चरण में पीपीई कवरआल, मास्क, सैनिटाइजर जैसे सुरक्षात्मक गियर और वेंटिलेटर जैसे उपकरणों की वैश्विक स्तर पर आपूर्ति खासी कम थी।

5,231 कोच आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित

देश में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे की क्षमता को बढ़ाने के लिए रेलवे के 5,231 कोच को पहले ही आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है, जिन्हें अब कोविड देखभाल केन्द्रों के रूप में उपयोग किया जा सकता है। राज्यों से मिले अनुरोध के आधार पर अभी तक विभिन्न स्थानों पर 960 कोचों को सेवा के लिए तैनात कर दिया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय रेलवे कोचों- कोविड देखभाल केन्द्रों पर संदिग्ध/ पुष्ट मामलों के उपयुक्त प्रबंधन पर दिशानिर्देश दस्तावेज पहले ही जारी कर चुका है।

बाहरी वेंडर का भी आपूर्ति सीरीज बरकरार रखने में सहयोग

रेलवे की आपूर्ति सीरीज भले ही महामारी के कारण प्रभावित हुई हो, लेकिन इसका कम क्षमता से परिचालन और डिपो में उपलब्ध भंडार के कारण रेलवे के परिचालन तथा रखरखाव पर असर नहीं पड़ा है। बाहरी वेंडर भी आपूर्ति सीरीज को बरकरार रखने में सहयोग दे रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय इकाइयों को भी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रेलवे अपनी डिजिटल आपूर्ति सीरीज के कारण जरूरी खरीद को भी जारी रख सकता है और महामारी के प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की जा सकती है।


 

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