नई दिल्ली : उद्योग जगत को विशेष प्रयोजन और कम लागत वाले ऐसे ड्रोन का विकास करना चाहिए, जो किसान समुदाय की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह कहा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने उद्योग संगठन फिक्की के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि लगभग 1 लाख गांव ऐसे हैं, जो ड्रोन से लाभान्वित हो सकते हैं। हम विशेष उद्देश्य वाले ड्रोन डिजाइन कर सकते हैं और उद्योग जगत को उनके लिए कम लागत वाले ड्रोन विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
फिक्की ने एक बयान के अनुसार, दुबे ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय या राज्य स्तरीय कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ साझेदारी पर भी जोर दिया। कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव शोमिता बिस्वास ने कहा कि इस क्षेत्र में मिट्टी के विश्लेषण में ड्रोन तकनीक बहुत उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह हमें बेहतर सिंचाई प्रबंधन और नाइट्रोजन के सही स्तर को बनाये रखने में भी मदद कर सकता है।
उन्होंने स्टार्टअप से ड्रोन रोपण सिस्टम बनाने का भी आग्रह किया, जिससे रोपण की लागत में काफी कमी आएगी। कृषि आयुक्त एसके मल्होत्रा ने कहा कि ड्रोन से छिड़काव किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने, पानी की खपत कम करने और उच्च दक्षता हासिल करने में मदद करेगा।
दूसरी ओर ड्रोन-एस-ए-सर्विस (डीएएएस) प्रदाता गरुड़ एयरोस्पेस ने हरियाणा सरकार से राज्य में टिड्डी नाशक दवा के छिड़काव के लिए ठेका हासिल किया है। इसकी जानकारी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने दी। चेन्नई स्थित गरुड़ एयरोस्पेस के प्रबंधक निदेशक अग्निश्वर प्रकाश ने आईएएनएस को बताया, हरियाणा सरकार ने हमें टिड्डियों को भगाने के लिए दो ड्रोनों को तैनात करने के लिए कहा है। टिड्डियों द्वारा सिरसा, भिवानी, रेवाड़ी, चरखी दादरी और हरियाणा के अन्य स्थानों पर हमले हो रहा हैं।
जयप्रकाश ने कहा कि यह आदेश कृषि और किसान कल्याण विभाग, हरियाणा सरकार का है और आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त ड्रोन का अनुरोध किया जा सकता है। निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद हरियाणा तीसरा राज्य है जिसने ड्रोन-आधारित एंटी-टिड्डियों के संचालन के लिए गरुड़ एयरोस्पेस को कांट्रेक्ट दिया। जयप्रकाश ने कहा कि हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हरियाणा सरकार को एंटी-लोक्टस ऑपरेशन के लिए रिमोटली पायलट सिस्टम के इस्तेमाल की सशर्त छूट दी थी।
उन्होंने कहा कि कीटनाशक छिड़कने के दो तरीके हैं -पहला टिड्डियों के झुंड पर ऊपर से कीटनाशक का छिड़काव करके और दूसरा उस जगह जहां टिड्डियों की उतरने की उम्मीद हो, वहां पहले से छिड़काव करके। जयप्रकाश ने कहा कि राजस्थान सरकार ने एक नया टेंडर निकाला है और गरुड़ एयरोस्पेस अपनी बोली प्रस्तुत करेगा। गरुड़ एयरोस्पेस कई नगर निगमों और वाराणसी, राउरकेला, रायपुर, चेन्नई और हैदराबाद जैसे स्मार्ट शहरों से ड्रोन-आधारित एंटी-कोरोनवायरस सैनेटाइजेशन का आदेश ले रहा है।
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