खाद्य तेल, दालों से बढ़ी महंगाई! सरकार ने कहा- नई फसल आने पर कम होंगी कीमतें

बिजनेस
भाषा
Updated Aug 25, 2021 | 19:49 IST

आरबीआई ने महंगाई को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। सरकार ने कहा कि हमें भी लगता है कि नई फसल आने पर महंगाई कम हो जाएगी।

Inflation increased due to edible oil, pulses, Government said - prices will come down when new crop arrives
खाद्य पदार्थो की महंगाई बढ़ी 
मुख्य बातें
  • नई फसल के बाजार में आने के बाद मुद्रास्फीति में कमी आएगी!
  • 4-6 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है।
  • आरबीआई ने कहा कि महंगाई इस समय थोड़ी अधिक है।

मुंबई : वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि खाद्य तेल और दालों का मुद्रास्फीति बढ़ने में प्रमुख योगदान रहा है और बाजार में उनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए शुल्क कटौती के जरिए आपूर्ति बढ़ाने के उपाए किए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बुधवार को दोहराया कि पेट्रोल-डीजल पर करों और शुल्कों को कम करने के तौर तरीकों को लेकर केंद्र को राज्यों के साथ तालमेल बिठाना होगा।

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि नई फसल के बाजार में आने के बाद मुद्रास्फीति में कमी आएगी और इसके 4-6 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आरबीआई ने महंगाई को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं और कहा है कि महंगाई इस समय थोड़ी अधिक है, हालांकि वह कुछ समय में सामान्य हो जाएगी और हमें भी लगता है कि एक बार फसल आने पर महंगाई कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि को कम करने की रणनीति के तहत सरकार ने खाद्य तेल और दाल सहित कई उत्पादों पर शुल्क कम किया है।

बजाज ने कहा कि मुख्य रूप से मुद्रास्फीति बढ़ने में इन घटकों का योगदान अधिक है। हमने इनके शुल्क को कम कर दिया है। हमने आपूर्ति पक्ष में सुधार के लिए सुनिश्चित किया है कि दाल और खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़े।

जुलाई में मुद्रास्फीति कम होकर 5.59 प्रतिशत रह गई, और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि यह 2021-22 में 5.7 प्रतिशत रहेगी।
सीतारमण ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के चलते महंगाई छह प्रतिशत से अधिक हो गई थी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार महंगाई पर नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर राज्यों के साथ भी चर्चा कर रही है। तेल बॉंड को लेकर अपनी टिप्पणी पर कायम रहते हुये सीतारमण ने कहा कि यह संप्रग सरकार की चाल थी जिसका भुगतान मौजूदा सरकार कर रही हे। पेट्रोलियम उत्पादों पर शुल्क एवं करों में कमी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को राज्यों के साथ बैठकर समाधान तलाशना होगा।

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