फ्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंड की सबसे नई कैटेगरी है। फ्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जो बाजार पूंजीकरण में कंपनियों के विभिन्न शेयरों में निवेश करती हैं, चाहे वह मिड-कैप, लार्ज-कैप या स्मॉल-कैप हो। फ्लेक्सी-कैप फंड मल्टी-कैप फंड से अलग होते हैं क्योंकि मल्टी-कैप फंड में एक निश्चित प्रकार की कंपनी में आवंटन की विनियामक (रेगुलेटरी) सीमा होती है। हालांकि, फ्लेक्सी-कैप फंड में फंड मैनेजर के पास निवेशकों का पैसा बढ़ाने के लिए आवंटन की किसी भी सीमा के बिना किसी भी श्रेणी की कंपनी के शेयर चुनने की स्वतंत्रता होती है। संक्षेप में, इन इक्विटी फंडों में निवेशकों के पास जोखिम का ध्यान रखते हुए बेहतर रिटर्न पाने की संभावना होती है क्योंकि इसमें कंपनियों की ग्रोथ क्षमता का पता लगाने में फंड मैनेजर स्वतंत्रता महसूस करते हैं और तदनुसार एक विशेष प्रकार की कंपनी में एसेट का ज्यादा अनुपात निवेश करते हैं। इस प्रकार, फ्लेक्सी फंड में निवेशकों को ग्रोथ और मूल्य का बेहतर मिश्रण मिलता है।
फंड मैनेजरों के पास फ्लेक्सी-कैप फंडों के प्रबंधन की स्वतंत्रता होती है, जिससे निवेशकों को लंबी अवधि में मदद मिलती है। स्कीम में विविधता होने के चलते, इनमें जोखिम और रिटर्न के बीच अच्छा संतुलन देखा जाता है। आम तौर पर, फ्लेक्सी-कैप फंडों का रिटर्न या तो लार्ज-कैप फंडों के बराबर या उनसे बेहतर होता है। इसके अतिरिक्त, जब शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा होता है तब भी ये फंड काफी स्थिर रिटर्न देते हैं। यह निश्चित रूप से फंड मैनेजरों द्वारा पोर्टफोलियो में उन कंपनियों को चुनने की क्षमता के कारण होता है जिनमें सबसे अधिक ग्रोथ क्षमता होती है। चूंकि, इसमें आवंटन को लेकर कोई सीमा नहीं होती है जिससे कई बार फ्लेक्सी-कैप फंडों के पोर्टफोलियो को एक निश्चित प्रकार की कंपनियों की ओर मोड़ा जा सकता है, चाहे उनका बाजार पूंजीकरण कुछ भी हो। उदाहरण के लिए, अगर फंड मैनेजर को लगता है कि फ्लेक्सी-कैप फंडों के पोर्टफोलियो का एक हिस्सा कम आकर्षक है या कोई फायदा नहीं दे रहा, तो वह बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में इन्हें आसानी से और तुरंत स्विच कर सकता है। इससे सुनिश्चित होता है कि निवेशकों के पोर्टफोलियो में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले स्टॉक समय-समय पर उपलब्ध हैं।
फ्लेक्सी-कैप फंड ने निवेशकों के लिए लगातार रिटर्न अर्जित किया है। ये बाजार पूंजीकरण की विस्तृत श्रेणी में अलग-अलग कंपनियों में फंड डाइवर्सिफिकेशन के जरिए उन जोखिमों को कम करते हैं, जो अन्यथा प्रकार से ऐसी स्कीम में बहुत अधिक हो सकते हैं जो किसी निश्चित श्रेणी की कंपनियों में निवेश करके एक विशेष सेगमेंट में ही बहुत ज्यादा केंद्रित हो जाती हैं।
प्रदर्शन के नजरिए से, फ्लेक्सी-कैप स्कीम ने सितंबर के पहले हफ्ते की समाप्ति पर पिछले 10 वर्षों, 5 वर्षों, 3 वर्षों और 1 वर्ष में क्रमशः 14.65%, 14.18%, 15.35% और 55.86% का स्थिर रिटर्न दिया है। वहीं लार्ज-कैप इक्विटी स्कीम का प्रदर्शन क्रमशः 13.84%, 14.48%, 14.61% और 53.93% रहा है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों ने बड़े अंतर से फ्लेक्सी-कैप श्रेणी से बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मिड-कैप और स्मॉल-कैप इक्विटी स्कीम के साथ उच्च जोखिम जुड़ा हुआ है, क्योंकि बाजार पूंजीकरण की दृष्टि से इन्हें केवल एक प्रकार की कंपनी में निवेश करने का मैंडेट प्राप्त होता है।
यदि आपकी जोखिम क्षमता मध्यम स्तर की है और आप स्थिर रिटर्न पाना चाहते हैं, और यदि आप जोखिम को ध्यान में रखते हुए बेहतर रिटर्न डायनामिक्स के साथ निवेश देख रहे हैं, तो आप फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेशकों को डाइवर्सिफिकेशन के साथ-साथ मूल्य और ग्रोथ का दोहरा लाभ मिलता है। ये तीन मापदंड मिलकर इन फंडों को अहम बनाते हैं। यह गौरतलब है कि फंड मैनेजरों की प्रतिबद्धता और वृद्धि संभावना देखने की क्षमता ही फ्लेक्सी-कैप फंडों की कुंजी है। अगर फंड मैनेजरों के निवेश कॉल सही जाते हैं, तो पैसा बढ़ने की क्षमता भी काफी बेहतर होती है। यदि फंड मैनेजरों को लगता है कि उनके निवेश कॉल ठीक नहीं जा रहे हैं, तो वे आवंटन को बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले स्टॉक में स्विच कर सकते हैं। इस तरह से निवेशक सहज होते हैं क्योंकि वे समझते हैं कि ग्रोथ को ध्यान में रखकर फ्लेक्सी-कैप फंड हमेशा पोर्टफोलियो में बदलाव करने का प्रयास करेंगे, भले ही निवेश की जाने वाली कंपनियों का साइज कैसा भी हो।
फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेश करने से पहले, आपको जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार यह आकलन करना चाहिए कि आप किस श्रेणी में आते हैं। अगर आपकी जोखिम उठाने की क्षमता मध्यम है, तो फ्लेक्सी-कैप फंड आपके लिए ही हैं। यदि आप स्थिर रिटर्न चाहते हैं - न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम - तो फ्लेक्सी-कैप फंड आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। फ्लेक्सी-कैप फंड का चुनाव करते समय, यह सलाह दी जाती है कि कम से कम पिछले पांच वर्षों का रिटर्न देख लें। निवेश का निर्णय लेते वक्त पिछले छह महीने या एक साल का अल्पकालिक रिटर्न न देखें क्योंकि इससे आपके निवेश अनुभव पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
अंत में,
फ्लेक्सी-कैप फंड उन निवेशकों के पसंदीदा विकल्प हो सकते हैं जो बाजार में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सेक्टर से अपना पैसा बढ़ाने के उद्देश्य से एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो चाहते हैं। दीर्घावधि निवेश के नजरिए से, ये जोखिम को ध्यान में रखने के साथ रिटर्न देने के मामले में सबसे अच्छी इक्विटी स्कीम में से एक हैं। बाजार पूंजीकरण के बावजूद आवंटन को होशियारीपूर्वक बदलने की क्षमता फ्लेक्सी-कैप फंडों को स्थिर प्रदर्शन करने वाला बनाती है। लेकिन फ्लेक्सी फंड में निवेश करने से पहले अपने लक्ष्यों, जोखिम उठाने की क्षमता, रिटर्न और सीमा का ध्यान रखें या बेहतर मार्गदर्शन के लिए किसी वित्तीय सलाहकार की मदद लें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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