Investment tips : लार्ज, मल्टी और स्मॉल-कैप म्यूच्यूअल फंड्स, जानिए आपके लिए कौन सबसे अच्छा है?

लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप, या स्मॉल-कैप इक्विटी फंड्स ('कैप' यानी मतलब मार्केट कैपिटलाइजेशन) में इन्वेस्ट करना चाहते हैं। जानिए आपके लिए कौन बेहतर है।

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निवेश टिप्स 

चाहे आप एक नए इन्वेस्टर हों या एक एक्सपर्ट इन्वेस्टर, इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स सभी प्रकार के इन्वेस्टर्स को अलग-अलग प्रकार के एसेट क्लास में बिना किसी परेशानी के अपना पैसा इन्वेस्ट करने का मौका देते हैं। अपनी उम्र, रिस्क क्षमता, फाइनेंसियल लक्ष्य, और रिटर्न उम्मीद के आधार पर, आप लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप, या स्मॉल-कैप इक्विटी फंड्स ('कैप' यानी मतलब मार्केट कैपिटलाइजेशन) में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इससे उन कंपनियों के आकार का पता चलता है जिनमें पैसों को इन्वेस्ट किया जाता है। म्यूच्यूअल फंड केटेगराइजेशन के उद्देश्य से, SEBI, कंपनियों को उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर रैंकिंग देती है। 1-100 रैंकिंग वाली कंपनियां, लार्ज-कैप; 101-250 वाली मिड-कैप, और 251 के बाद वाली स्मॉल-कैप कहलाती हैं। एक लार्ज-कैप फंड में कम-से-कम 80% पैसा, लार्ज-कैप कंपनियों के शेयरों में; एक मिड-कैप फंड में कम-से-कम 65% मिड-कैप कंपनियों के शेयरों में, और एक स्मॉल-कैप फंड में कम-से-कम 65% स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्टेड रहना चाहिए। अलग-अलग इक्विटी फंड केटेगरी का इन्वेस्टमेंट रिस्क अलग-अलग होता है। तो कैसे पता करें कि कौन-सी केटेगरी आपके लिए सबसे सही है? आइए देखते हैं।

स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट

यदि आप ज्यादा रिटर्न उम्मीद और ज्यादा रिस्क चाहत वाले नौजवान इन्वेस्टर हैं, तो टॉप-रेटेड स्मॉल और मिड-कैप फंड्स आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकते हैं। इनसे आपको ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, आपके इन्वेस्टमेंट को बढ़ने और मनचाहा नतीजा देने के लिए उतना ज्यादा समय मिलेगा। एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट पीरियड, स्मॉल और मिड-कैप फंड्स से जुड़े रिस्क को कम करने में भी मदद करता है।

बाद में, अधेड़ उम्र तक पहुँचने पर, आपकी फाइनेंसियल जिम्मेदारियां बढ़ने पर, आप अपने इन्वेस्टमेंट को धीरे-धीरे ज्यादा-रिस्की ऑप्शंस से थोड़े कम-रिस्की और कम अस्थिर फंड्स में ट्रांसफर कर सकते हैं जो तब भी अच्छा रिटर्न दे सकें। इसके अलावा, रिस्क को कम करने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट को अलग-अलग म्यूच्यूअल फंड कंपनियों, अलग-अलग एसेट क्लास और अलग-अलग शेयरों में डाइवर्सिफाई करना भी जरूरी है। नौजवान लोग, बुजुर्ग इन्वेस्टर्स की तुलना में स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में ज्यादा एक्सपोजर ले सकते हैं लेकिन वह तब भी इन्वेस्टमेंट लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए।

मल्टी-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट

हाल ही में, SEBI ने बताया कि एक मल्टी-कैप फंड में इक्विटी सम्बन्धी एलोकेशन, उसमें रखे पैसे का कम-से-कम 75% होना चाहिए। 75% में से, कम-से-कम 25-25% लार्ज, मिड, और स्मॉल-कैप इक्विटी सिक्योरिटीज में होना चाहिए। इससे पहले, मल्टी-कैप फंड्स के फंड मैनेजर्स अपने मन मुताबिक अलग-अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली इक्विटीज में पैसे इन्वेस्ट कर सकते थे।

यदि आप इक्विटी फंड्स में इन्वेस्ट करना चाहते हैं लेकिन ज्यादा-रिस्की एक्सपोजर लेना नहीं चाहते हैं जैसे स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में इन्वेस्ट नहीं करना चाहते हैं तो आप टॉप-रेटेड मल्टी-कैप फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। ये नौजवान और अधेड़-उम्र दोनों तरह के इन्वेस्टर्स के लिए अनुकूल हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से ये फंड्स अच्छी तरह डाइवर्सिफाइड भी होते हैं।

मल्टी-कैप फंड्स, मार्केट्स स्थिर रहने पर, स्मॉल और मिड-कैप फंड्स की तुलना में कम रिटर्न दे सकते हैं लेकिन अस्थिर मार्केट कंडीशन में ये फंड्स कम रिस्की होते हैं। इसलिए, यदि आप एक ऐसा फंड चाहते हैं जो एलोकेशन को स्मॉल से मिड-कैप या लार्ज-कैप फंड्स में और उसके विपरीत ट्रांसफर करके मार्केट वोलेटिलिटी को ऑटोमैटिकली एडजस्ट कर सके तो मल्टी-कैप फंड्स आपके लिए सही इन्वेस्टमेंट चॉइस हो सकता है।

लार्ज-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट

यदि आप अधेड़-उम्र के हैं और डेब्ट फंड्स से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं लेकिन ज्यादा इन्वेस्टमेंट रिस्क लेना नहीं चाहते हैं तो आप लार्ज-कैप फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। ये भी अस्थिर मार्केट में स्थिर रिटर्न दे सकते हैं। इनमें कम रिस्क होता है जिससे ये मिड और स्मॉल-कैप इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर वाले फंड्स की तुलना में मध्यम रिटर्न देते हैं। यदि आप रिटायरमेंट के करीब, या बहुत ज्यादा फाइनेंसियल जिम्मेदारी वाले अधेड़-उम्र के व्यक्ति, या कम रिस्क सहनशीलता वाले एक नौजवान इन्वेस्टर हैं तो टॉप-रेटेड लार्ज-कैप फंड्स, आपके लिए सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट चॉइस हो सकता है।

अंतिम विचार

किसी अन्य इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट की तरह, इक्विटी म्यूच्यूअल फंड प्रोडक्ट्स का चयन भी अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों के आधार पर ही करना चाहिए। यदि आपके फाइनेंसियल लक्ष्य बहुत दीर्घकालिक हैं और आपकी रिस्क चाहत अधिक है तो आप स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में अपने इक्विटी एलोकेशन का बड़ा हिस्सा इन्वेस्ट कर सकते हैं। यदि आपके फाइनेंसियल लक्ष्य, मध्यकालिक से दीर्घकालिक हैं और आपकी रिस्क चाहत मध्यम है तो आप मल्टी-कैप फंड्स में अपने पैसे का एक बड़ा हिस्सा इन्वेस्ट कर सकते हैं। यदि आपके फाइनेंसियल लक्ष्य, मध्यकालिक हैं और आपकी रिस्क चाहत, मध्यम से कम है तो आप लार्ज-कैप फंड्स में अपने इक्विटी एलोकेशन का बड़ा हिस्सा इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको उम्र बढ़ने पर, रिस्क चाहत या रिटर्न उम्मीद बदलने पर, अपने एलोकेशन को स्मॉल/मिड-कैप से मल्टी-कैप और लार्ज-कैप में शिफ्ट करना चाहिए। लेकिन याद रखें कि भूतपूर्व प्रदर्शन, भावी रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। अपने दम पर एक इन्वेस्टमेंट रणनीति बनाने में असमर्थ होने पर एक सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट प्लानर से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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