नई दिल्ली: हर किसी की चाहत होती है कि उसका खुद का घर हो। लेकिन घर खरीद पाना इतना आसान नहीं होता। अगर आर महानगरों नें वन बीएचके का घर खरीदने की इच्छा रखते हों तो कम से कम 15 से 20 लाख खर्च करने होंगे। किसी मध्यमवर्गीय परिवार या औसत कमाई करने वाले शख्स के लिए यह इतना आसान नहीं है। ऐसे में होम लोन का विकल्प सामने आता है। होमलोन के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से अप्लाई कर सकते हैं। यहां हम बताएंगे कि दोनों तरीकों में बुनियादा अंतर क्या है।
ऑफलाइन और ऑनलाइन होमलोन के एप्लीकेशन में तुलना
योग्यता
ऑनलाइन होम एप्लीकेशन में आप सीधे तौर पर जान सकते हैं कि कितने लोन के लिए योग्य हैं. इसके लिए होम लोन इलिजिबिलिटी कैलकुलेटर से खुद का आंकलन कर सकते हैं। यह टूल तेजी से काम करता है और मिनटों में जानकारी दे देता है इसके विपरीत ऑफलाइन होमलोन में आपको बैंक के दफ्तर के चक्कर लगाने होते हैं इसके साथ ही आपको लोन ऑफिसर से विस्तार में बात करनी पड़ती है। इसमें जरूरत से ज्यादा समय जाया होता है।
डॉक्यूमेंटेशन
जब ऑप होमलोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करते हैं तो आपको आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड़ करना होता है जिसमें लोन एप्लीकेशन फॉर्म, आईडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ देना होता है। होम लोन देने वाली फर्म इसके बारे में पहले ही जानकारी दे देती है। इसके साथ लोन एप्लीकेशन प्रासेसिंग फी के बारे में भी जानकारी दे दी जाती है। जबकि ऑफलाइन तरीके से इन दस्तावेजों को आप को बैंक तक लेकर जाना होता है। इस बात की आशंका होती है कि दस्तावेजों को आप कहीं खो भी सकते हैं।
क्या ना करें
ऑनलाइन मोड में आप न केवल आसानी से आवेदन कर सकते हैं बल्कि ऑनलाइन मोड में ही फी भी अदा कर सकते हैं। जबकि ऑफलाइन मोड में लोन देने वाली कंपनी या उसका प्रतिनिधि बार बार आपको फोन करता है जिसकी वजह से आप के सामने अलग अलग तरह की परेशानी आती है।
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