नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपया सहकारी बैंक (Rupee Co-operative Bank) का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस को- ऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है, कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और साथ ही इसने नियमों का भी उल्लंघन किया है। पुणे स्थित रुपया सहकारी बैंक अगले महीने की 22 तारीख यानी 22 सितंबर से अस्तित्व में नहीं रहेगा। केंद्रीय बैंक ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि बैंक का बने रहना उसके डिपॉजिटर्स के हितों के प्रतिकूल है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ रुपया सहकारी बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा। अगर बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो इससे जनहित पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बैंक का लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, 'रुपया सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे को 22 सितंबर, 2022 से डिपॉजिट की स्वीकृति और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56, धारा 5 (बी) में परिभाषित जमा की चुकौती करने से प्रतिबंधित किया जाता है।'
अचानक बंद हो जाए बैंक, तो आपके सेविंग, एफडी, आरडी अकाउंट में जमा पैसों का क्या होगा?
डिपॉजिटर्स को कितना मिलेगा पैसा?
बैंक ने आगे कहा कि लिक्विडिटी पर रुपया सहकारी का हर एक डिपॉजिटर डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) के प्रावधानों के अनुसार 5 लाख रुपये तक के बीमा क्लेम का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, 99 फीसदी से भी ज्यादा जमाकर्ता DICGC से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
उल्लेखनीय है कि ऋणदाता के उच्च मूल्य के कई जमाकर्ता वरिष्ठ नागरिक हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आरबीआई ने पिछले साल दिसंबर में पुणे स्थित ऋणदाता को अपने बैंकिंग लाइसेंस के लिए तीन महीने का विस्तार दिया था। यह कंपनी का 27वां ऐसा विस्तार था।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।