भारत में आईटी और बीपीओ कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम और वर्क फ्रॉम एनिवेयर को स्थाई तौर पर काम करने के तरीके को भारत सरकार द्वारा मंजूरी देने के फैसले की प्रशंसा की। सरकार ने बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) तथा आईटी आधारित सेवाएं (आईटीईएस) देने वाली कंपनियों के लिए गाइडलाइंस को सरल करने की घोषणा की। आईटी इंडस्ट्री का कहना है कि यह फैसला गेम चेंजर साबित होगा और छोटे शहरों में लाखों नौकरियों का सृजन कर सकता है। इससे इंडस्ट्री पर बोझ कम होगा। वर्क फ्रॉम होम और वर्क फ्रॉम एनिवेयर में मदद मिलेगी। नए नियमों से अन्य सर्विस प्रोवाइडर के लिए वर्क फ्रॉम होम और कहीं से भी काम के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। इस तरह की कंपनियों के लिए समय-समय पर रिपोर्टिंग और अन्य प्रतिबद्धताओं को समाप्त कर दिया गया है। नए नियमों के तहत ओएसपी के लिए रजिस्ट्रेशन की जरूरत को समाप्त कर दिया गया है। वहीं डेटा से संबंधित कार्य से जुड़े बीपीओ इंडस्ट्री को इन नियमनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इज ऑफ डूइंग बिजनेस को आगे बढ़ाने और भारत को एक टैक्नोलॉजी हब बनाने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की। इसके अनुरूप, सरकार ने दूरसंचार विभाग के अन्य सर्विस प्रोवाइडर या ओएसपी गाइडलाइन्स को सरल बनाया। यह ऐसा कदम है जो आईटी और बीपीओ उद्योग के अनुपालन बोझ को कम करेगा। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि भारत का आईटी सेक्टर हमारा गौरव है। इस सेक्टर की ताकत को पूरी दुनिया मानती हैं। हम भारत में वृद्धि और नवप्रवर्तन के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं। आज के इस फैसले से विशेष रूप से देश की युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
सॉफ्टवेयर कंपनी नैस्कॉम प्रेसिडेंट ने ईटी नाउ से कहा कि यह उन गेम-चेंजिंग मोमेंट्स में से एक है। जो यह इंडस्ट्री के लिए एक स्ट्रेटेजिक इनफ्लेशन पॉइंट होने वाला है और भारत के प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को काफी बढ़ावा देगा। यह भारत को दुनिया के लिए रणनीतिक आईटी हब के तौर पर मजबूती देगा और इससे अधिक निवेश आएगा। यह कंपनियों को लाभान्वित करेगा। जो कोई भी दूरदराज के काम करने, आईटी सेवाओं, बीपीओ, एमएनसी के लिए कंपनी नेटवर्क का उपयोग करेगा।
विप्रो के चेयरमैन रिशाद प्रेमजी ने कहा कि यह वास्तव में सरकार की प्रोग्रेसिव और लॉन्ग टर्म सोच है, जो हमारी टैक्नोलॉजी इंडस्ट्री को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी। कहीं से भी काम करना नई वास्तविकता बन गई है और इसके लिए धन्यवाद। वहीं, टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी ने इसे आईटी उद्योग के लिए एक बहुत जरूरी सुधार बताया।
सरकार का फैसला इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि उद्योग वर्क फ्रॉम होम मामले में राहत दिए जाने की मांग कर रहा है और इसे स्थायी आधार पर जारी रखना चाहता है। ओएसपी ऐसी कंपनियां हैं जो दूरसंचार संसाधनों का इस्तेमाल कर ऐप्लिकेशन सेवाएं, आईटी से जुड़ी सेवाएं या किसी प्रकार की आउटसोर्सिंग सेवाएं देती हैं। इस तरह कंपनियों को बीपीओ, नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ), आईटीईएस और कॉल सेंटर कहा जाता है। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी विस्तृत दिशानिर्देशों के अनुसार इससे वर्क फ्रॉम होम की अवधारणा को प्रोत्साहन मिलेगा। वर्क फ्रॉम होम का विस्तार कर वर्क फ्रॉम एनिवेयर उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि विस्तारित एजेंट या रिमोट एजेंट की स्थिति (वर्क फ्रॉम होम या एनिवेयर) की कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी गई है। इसमें कहा गया है कि घर पर एजेंट को ओएसपी केंद्र का रिमोट एजेंट माना जाएगा और इंटरनकनेक्शन की अनुमति होगी। रिमोट एजेंट को देश में किसी भी स्थान से काम करने की अनुमति होगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नए नियमों का मकसद उद्योग को प्रोत्साहन देना और भारत को सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी आईटी स्थान के रूप में पेश करना है। नए नियमनों से कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम और वर्क फ्रॉम एनिवेयर से संबंधित नीतियां अपनाने में मदद मिलेगी। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जबकि कोविड-19 महामारी की वजह से आईटी या बीपीओ कंपनियां अपने कर्मचारियों से घर से काम ले रही हैं।
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