मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाई, कर दी कबाड़ ग्रेड के करीब BAA3, भड़के बीजेपी सांसद, पीएम से कही ये बात

बिजनेस
भाषा
Updated Jun 02, 2020 | 09:49 IST

Sovereign Credit Rating of India : रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की सावरेन रेटिंग को BAA2 से घटाकर BAA3 कर दिया। इस पर बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे भड़के और कह दी ये बात।

Moody's reduced India's rating to near junk grade BAA 3
मूडीज ने भारत क्रडिट रेटिंग घटाई  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • मूडीज ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग घटाकर BAA3 कर दिया है
  • BAA3 रेटिंग सबसे निचला निवेश ग्रेड है
  • यह रेटिंग कबाड़ ग्रेड से केवल एक पायदान ही ऊपर है

नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को भारत की सॉवरेन (राष्ट्रीय) क्रेडिट रेटिंग को पिछले दो दशक से भी अधिक समय में पहली बार ‘बीएए2’ से घटाकर ‘बीएए3’ कर दिया। एजेंसी ने कहा है कि नीति निर्माताओं के समक्ष आने वाले समय में निम्न आर्थिक वृद्धि, बिगड़ती वित्तीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के दबाव जोखिम को कम करने की चुनौतियां खड़ी होंगी। इस पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दूबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वैश्विक रेटिंग एजेंसियां मूडीज, फिच और एस एंड पी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये एजेंसियां चीन की साजिश के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं।

बीएए2 से घटाकर किया बीएए3

मूडीज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। भारत के मामले में पिछले 4 दशक से अधिक समय में यह पहला मौका होगा जब पूरे साल के आंकड़ों में जीडीपी में गिरावट आएगी। इसी अनुमान के चलते मूडीज ने भारत की सरकारी साख रेटिंग को ‘बीएए2’ से एक पायदान नीचे कर ‘बीएए3’ कर दिया। इसके मुताबिक भारत के विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा की दीर्घकालिक इश्युअर रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 पर ला दिया गया है।

कबाड़ ग्रेड से केवल एक पायदान होता है बीएए3 

‘बीएए3’ सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है। इसके नीचे कबाड़ वाली रेटिंग ही बचती है। एजेंसी ने कहा कि मूडीज ने भारत की स्थानीय मुद्रा वरिष्ठ बिना गारंटी वाली रेटिंग को भी बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है। इसके साथ ही अल्पकालिक स्थानीय मुद्रा रेटिंग को भी पी-2से घटाकर पी-3 पर ला दिया गया है।

दूबे ने कहा- ये एजेंसी भगवान हैं क्या? 

सांसद दूबे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बेशक ये एजेंसिया अमेरिका में स्थित हैं लेकिन चीन ने अपने रणनीतिक हित को देखते हुए इन कंपनियों में काफी बड़ा निवेश किया है। उन्होंने कहा कि ये रेटिंग एजेंसियां ऐसे व्यवहार करती हैं जैसे ये भगवान हैं और हमारे देश को तीसरे दर्जे का देश मानती हैं। इसलिए भारत की सावरेन रेटिंग को लगातार नीचे रखा जाता है। दुबे ने कहा कि इन एजेंसियों ने देश की सही वित्तीय मजबूती को कभी विचार में नहीं लिया। भारत के जीडीपी के समक्ष लोन का अनुपात काफी कम है, इसे कभी तवज्जो नहीं दी गई। इसी प्रकार कई अन्य कारक भी रहे हैं जिनपर एजेंसियां गौर नहीं करतीं हैं। भाजपा के सांसद ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए बैंकों से कर्ज लेने के लिए इन एजेंसियों की रेटिंग लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।

नवंबर 2017 में और 1998 में कम की थी भारत की रेटिंग

मूडीज ने  इससे पहले नवंबर 2017 में 13 साल के अंतराल के बाद भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान चढ़ाकर बीएए2 किया था। एजेंसी ने कहा कि नवंबर 2017 में भारत की रेटिंग को एक पायदान बढ़ाना इस उम्मीद पर अधारित था कि महवत्वपूर्ण सुधारों का प्रभावी क्रियानवरून किया जायेगा और इससे अर्थव्यवस्था, संस्थानों और वित्तीय मजबूती में लगातार सुधार आयेगा। तब से लेकर इन सुधारों का क्रियान्वयन कमजोर रहा और इनसे बड़ा सुधार नहीं दिखाई दिया। इस प्रकार नीतियों का प्रभाव सीमित रहने के संकेत मिलते हैं। इससे पहले 1998 में भारत की रेटिंग को कम किया था।

धीमी वृद्धि कोविड- 19 के आने से पहले

मूडीज का मानना है कि आने वाले समय में भारत के नीतिनिर्माता संस्थानों के समक्ष नीतियों को बनाने और उनके क्रियान्वयन की चुनौतियां खड़ी होंगी। ऐसी नीतियां जिनके क्रियान्वयन से कमजोर वृद्धि की अवधि, सरकार की सामान्य वित्तीय स्थिति के और बिगडने और वित्तीय क्षेत्र में बढ़ते दबाव के जोखिम को कम करने में मदद मिले। मूडीज का कहना है कि सुधारों की धीमी गति और नीतियों की प्रभावशीलता में रुकावट ने भारत की क्षमता के मुकाबले उसकी लंबे समय से चली आ रही धीमी वृद्धि में योगदान किया। यह स्थिति कोविड- 19 के आने से पहले ही शुरू हो चुकी थी और यह इस महामारी के बाद भी जारी रहने की संभावना है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर