मोरेटोरियम आपके लोन को बना देगा और महंगा, जानें रिकवर होने के टिप्स

Loan Moratorium : एक EMI छूटने पर आपके लोन में कई EMI जुड़ सकते हैं। एक्स्ट्रा इंटरेस्ट से बचने का तरीका जान लीजिए।

Moratorium to make your loans more expensive, learn recovery tips
मोरेटोरियम कैसे काम करता है और इंटरेस्ट कैसे जमा होता है  |  तस्वीर साभार: Getty

मार्च के अंत में, भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन पेमेंट्स पर तीन महीने के मोरेटोरियम का ऐलान किया। इससे कोरोना-वायरस के कारण पैदा होने वाले फाइनेंसियल संकट के दौरान अपना इनकम खोने के कारण अपनी EMI और क्रेडिट कार्ड ड्यू का पेमेंट करने में असमर्थ लोगों को काफी राहत है। यह राहत काफी उपयोगी है। यह मोरेटोरियम, 31 मई को खत्म होने वाला है। कहा जा रहा है कि इसे और तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, एक उधारकर्ता को अपनी EMI को टालने पर आगे चलकर इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं क्योंकि इससे इंटरेस्ट जमा होता चला जाएगा जो कम्पाउंड होकर एक बड़े कर्ज का रूप ले सकता है। आपको इस एक्स्ट्रा बोझ से छुटकारा पाने का तरीका ढूंढना होगा। आइए देखते हैं कैसे।

मोरेटोरियम कैसे काम करता है और इंटरेस्ट कैसे जमा होता है

इस लोन मोरेटोरियम का मतलब यह नहीं है कि आपके ऋण को कैंसल कर दिया गया है। इसे सिर्फ कुछ समय के लिए टाला गया है। RBI के निदेश की वजह से आपके उधारदाता ने आपको तीन महीने तक EMI न देने का मौका दिया है। लेकिन, आपके निर्धारित लोन इंटरेस्ट रेट के अनुसार आपके बाकी अमाउंट पर इंटरेस्ट जमा होता रहेगा। मोरेटोरियम पीरियड ख़त्म होने के बाद, जमा इंटरेस्ट आपके लोन बैलेंस में जुड़ जाएगा जिसे आपको अपने उधारदाता के फैसले के अनुसार चुकाना पड़ेगा। होम लोन जैसे लॉन्ग टर्म लोन के लिए, बाकी अमाउंट को बाकी लोन पीरियड में फैलाया जा सकता है। इससे आपको ज्यादा तकलीफ नहीं होगी। लेकिन, कम्पाउंडिंग इंटरेस्ट, आपके बाकी लोन अमाउंट को बड़ी तेजी से बढ़ा सकता है, इसलिए आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि यह कैसे होता है।

आपको और कितना इंटरेस्ट देना पड़ेगा?

मोरेटोरियम का हिसाब अलग-अलग उधारकर्ता के लिए अलग-अलग होता है। आपको एक या कई एक्स्ट्रा EMI देने पड़ सकते हैं। आपके लोन पीरियड के ख़त्म होने में जितना ज्यादा समय बचा होगा, आपका अनपेड ड्यू उतना ज्यादा कम्पाउंड होगा। उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए, आपने 9% की दर से 20 साल के लिए 50 लाख रु. उधार लिया था। आपकी EMI, 44,986 रु. है। आपका टोटल इंटरेस्ट, 57.96 लाख रु. होगा। अब, मान लीजिए, आप 12 EMI दे चुके हैं। आपका लोन बैलेंस अब 49.06 लाख रु. है। इस समय, आप मजबूरी में तीन महीने की EMI यानी 13वीं, 14वीं, और 15वीं EMI को टाल देते हैं। तीन महीने का इंटरेस्ट 1.11 लाख रु. है जो आपके लोन बैलेंस में जुड़ जाएगा जिससे यह बढ़कर 50.01 लाख रु. हो जाएगा। अब आपको लोन अमाउंट से ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे। तीन पेमेंट मिस करने पर आपके लोन में 18 EMI जुड़ जाएंगे, और आपका टोटल इंटरेस्ट बढ़कर 64.43 लाख रु. हो जाएगा।

क्या हो यदि आप बहुत दूर निकल चुके हों?

यदि आप अपने लोन पीरियड के काफी करीब हैं तो तीन महीने का मोरेटोरियम आपको बहुत कम नुकसान पहुंचाएगा। उदाहरण के लिए, 60 EMI देने के बाद, तीन EMI टालने पर आपको और 12 EMI या 4.01 लाख रु. इंटरेस्ट देना होगा। इसी तरह, 120 EMI देने के बाद, तीन महीने की EMI टालने पर आपको और आठ EMI या 2.02 लाख रु. एक्स्ट्रा इंटरेस्ट देना पड़ेगा। इसी तरह, 15 साल बाद, EMI टालने पर आपको सिर्फ 5 और EMI या सिर्फ 78,000 रु. एक्स्ट्रा इंटरेस्ट देना पड़ेगा। लोन पीरियड ख़त्म होने में जितना ज्यादा समय बाकी रहेगा, EMI को टालना उतना ज्यादा महंगा साबित होगा।

रिकवर करने का तरीका क्या है?

यदि आप अपने लोन पेमेंट्स की शुरुआत के करीब हैं तो इस टालमटोल का असर लम्बे समय तक रहने वाला है। इसका एक आसान समाधान है: टाले गए अमाउंट या EMI का प्रीपेमेंट। इससे टालमटोल के कारण बने एक्स्ट्रा इंटरेस्ट को कम करने में मदद मिलेगी। लेकिन आपको पहले अपने फाइनेंस को स्थिर करना होगा। इसलिए, थोड़ा समय लें, कुछ कैश बचाकर रखें, और अपने फाइनेंस पर पूरा भरोसा होने के बाद, पेमेंट करें। पिछले कैलकुलेशन पर विचार करें जहाँ आपने 13वीं, 14वीं, और 15वीं EMI को टाला था। यदि आपने एक साल के लिए कैश बचाकर रखा है और आप अपनी 28वीं EMI के साथ 1.35 लाख रु. (आपकी का 3 गुना) का प्रीपेमेंट करते हैं तो अब आपको प्रीपेमेंट के बिना 18 एक्स्ट्रा EMI के बजाय सिर्फ दो एक्स्ट्रा EMI देनी होगी। असल में, आप जितना ज्यादा प्रीपेमेंट करेंगे, आपको उतनी जल्दी अपने कर्ज से छुटकारा मिलेगा।

और क्या करना चाहिए?

अपने लोन के इंटरेस्ट रेट पर भी नजर रखना जरूरी है। रेट कम होने पर एक्स्ट्रा कर्ज को ख़त्म करने में मदद मिलेगी। यदि आपका होम लोन अभी भी बेस रेट या MCLR सिस्टम से जुड़ा है तो आप हाल ही में इसी तरह का लोन लेने वालों से ज्यादा इंटरेस्ट रेट दे रहे होंगे। हालिया तिमाहियों में इंटरेस्ट रेट काफी कम हो गया है जिससे होम लोन 8% के आसपास मिलने लगा है। इसलिए, यदि आप हाई रेट लोन लेकर फंस गए हैं तो अपने उधारदाता के साथ आपके रेट को कम करने के तरीकों के बारे में बात करें। रेपो-लिंक्ड लोन में शिफ्ट करने के बारे में सोचें जो काफी पारदर्शी होता है। यदि आपका उधारदाता, ऐसा लोन नहीं दे रहा है तो अपने लोन को ऐसा लोन देने वाले उधारदाता के पास ट्रांसफर कर लें।

मौजूदा फाइनेंसियल संकट से निपटने के लिए एक्टिव मनी मैनेजमेंट जरूरी है। अभी सोच-समझकर काम करना काफी फायदेमंद होगा। इसलिए कर्ज को बढ़ने से रोकने के लिए हर जरूरी उपाय करें।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) (ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)​

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर