नई दिल्ली। क्रूड ऑयल की कीमत (Crude Oil Price) में बेतहाशा वृद्धि और ग्लोबल अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार को देखते हुए अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान को कम कर दिया है। मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.9 फीसदी से कम करके 7.6 फीसदी कर दिया है। इतना ही नहीं, मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2024 के ग्रोथ के अनुमान को भी घटा दिया है। इसे सात फीसदी से कम करके 6.7 फीसदी पर लाया गया है।
ग्रोथ अनुमान पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव
इस संदर्भ में मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था औसतन 2.9 फीसदी की वृद्धि दर से बढ़ेगी। दरअसर विपरीत कारोबारी परिस्थितियों और भू राजनीतिक तनाव की वजह से निवेश की धारणा कमजोर हुई , जिससे विकास अनुमान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
क्यों भारत के ग्रोथ अनुमान पर पड़ सकता है बुरा असर?
आगे मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चुनौतियों के बाद भी अर्थव्यवस्था साल 2022 और साल 2023 में कोरोना वायरस महामारी की वृद्धि दर से ज्यादा रह सकती है। ब्रोकरेज फर्म ने बताया कि ग्लोबल वृद्धि दर में सुस्ती, कमोडिटी की ऊंची कीमत और ग्लोबल पूंजी बाजार में निवेशकों के जोखिम से बचने की संभावना की वजह से भारत के ग्रोथ अनुमान पर बुरा असर पड़ सकता है।
छह फीसदी से ज्यादा हो सकती है महंगाई
अक्टूबर 2022 तक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (CPI) छह फीसदी से ज्यादा रहेगी। वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए खुदरा महंगाई दर औसत 6.50 फीसदी रहने का अनुमान है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी संभव
आगे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जून और अगस्त की बैठकों में ब्याज दरों में 50- 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी संभव है। दिसंबर 2022 तक ब्याज दर 6.00 फीसदी तक पहुंच सकती है। वहीं टर्मिनल पॉलिसी रेट 6.50 फीसदी हो सकती है।
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