नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने संसद में कहा है कि बहुप्रतीक्षित बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bengaluru-Mysuru Expressway) अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय में काफी कमी आने की उम्मीद है। संसद में एक सवाल के जवाब में, गडकरी ने कहा कि मैसूर और निदाघट्टा (मद्दूर के पास) के बीच 61 किलोमीटर का विस्तार सितंबर की शुरुआत तक पूरा हो सकता है।
2,919 करोड़ रुपये है लागत
उन्होंने कहा कि इस खंड की लागत 2,919 करोड़ रुपये है, जिसमें से 1,939 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। निदाघट्टा और बेंगलुरु के बीच 56.2 किलोमीटर के हिस्से को इस साल 20 अक्टूबर तक जनता के लिए खोल दिए जाने की संभावना है। आगे गडकरी ने कहा कि कुछ डिजाइन ट्वीक और रास्ते में प्रमुख शहरों से प्रवेश और निकास सड़कों को छोड़कर 10 लेन वाले मैसूर - बेंगलुरु एक्सप्रेसवे में छह मुख्य कैरिजवे इस साल अक्टूबर के अंत तक सार्वजनिक उपयोग के लिए तैयार हो जाएंगे।
मैसूर और कोडागु के सांसद प्रताप सिम्हा (MP Pratap Simha) ने कहा कि पूरी तरह से तैयार एक्सप्रेसवे के औपचारिक उद्घाटन में देरी होगी, क्योंकि निवासियों ने नई मांग की है।
पूरा हुआ 80 फीसदी काम
उन्होंने कहा कि जिन परिवर्तनों की मांग की जा रही है उनमें गणगुरु टोल प्लाजा (Ganaguru toll plaza) को शिफ्ट करना और श्रीरंगपटना, मांड्या, मद्दूर, बिदादी और रामनगर में बाकी क्षेत्रों के साथ प्रवेश और निकास बिंदु शामिल हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि लगभग 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
नया बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे दोनों शहरों को चिक्कमगलुरु, कोडागु, मंगलुरु और केरल के कुछ हिस्सों सहित कई अन्य स्थानों से जोड़ेगा। हाईवे का 117 किलोमीटर लंबा खंड दोनों शहरों के बीच भारी यातायात से निपटने के लिए तैयार होगा, खासकर वीकेंड और छुट्टियों के दौरान।
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