नयी दिल्ली: म्यूचुअल फंड इकाइयों ने अप्रैल महीने में शेयरों में 5,526 करोड़ रुपये निवेश किये। यह लगातार दूसरा महीना है जब उन्होंने बाजार में कुछ सुधार देखने के बाद शेयरों में पैसा लगाया है। इनवेस्ट 19 के संस्थापक और सीईओ कौशलेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि कई वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां क्षेत्र में आ रही हैं, इससे उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ी है। ऐसे में आने वाले महीनों में म्यूचुअल फंड का निवेश बढ़ेगा।
बजाज कैपिटल के मुख्य शोध अधिकारी आलोक अग्रवाल ने भी कहा कि तेजी का रुख बना रहेगा क्योंकि वित्त वर्ष 2020-21 के वित्तीय परिणाम के बाद मूल्यांकन कुछ नीचे आया है और कीमतों में सुधार से निवेशकों को शेयर बाजारों में निवेश का अवसर मिल रहा है।उन्होंने कहा कि इसके अलावा मार्च से बांड पर प्रतिफल नरम होने से भी इस रुख को गति मिल रही है। निवेशक अधिक रिटर्न की उम्मीद में शेयरों में निवेश कर रहे हैं।
म्यूचुअल फंड द्वारा दस महीनों में इस प्रकार का यह पहला निवेश है।सेबी के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इस निवेश से पहले, म्यूचुअल फंड जून 2020 से शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे।
सेंगर ने कहा, 'हमने पिछले महीने म्यूचुअल फंड के शेयरों में निवेश में 15.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के देखते हुए निवेशकों ने जोखिम कम करने के लिये इक्विटी म्यूचुअल फंड का सहारा लिया।' बजाज कैपिटल के मुख्य अनुसंधान अधिकारी आलोक अग्रवाल ने कहा कि म्यूचुअल फंड प्रवाह सामान्य तौर पर निवेशकों के संबंधित म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश को प्रतिबिंबित करता है।
घरेलू निवेशक जुलाई 2020 से इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं से पैसा निकाल रहे थे। इस साल मार्च पहला महीना था, जब स्थिति बदली।मार्च में एसआईपी (सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान) यानी हर महीने निश्चित राशि का निवेश बढ़कर 9,182 करोड़ रुपये पहुंच गया जो इससे पूर्व माह में 7,528 करोड़ रुपये था। इसीलिए म्यूचुअल फंड की तरफ से शेयरों में मार्च महीने में अधिक निवेश देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि हालांकि अभी आंकड़ा नहीं आया है लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में शुद्ध प्रवाह अप्रैल में भी जारी है। इसी का नतीजा है कि म्यूचुअल फंड का शुद्ध रूप से इक्विटी निवेश बढ़ा है। शेयरखान बाई बीएनपी परिबा के निवेश समाधान प्रमुख गौतम कालिया ने कहा, 'अप्रैल महीने में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़े। इससे बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला। लेकिन इसके तुरंत बाद तेजी से सुधार हुआ। म्यूचुअल फंड इकाइयों ने अप्रैल में इस गिरावट का उपयोग इक्विटी निवेश बढ़ाने में किये।'
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