नाराणमूर्ति ने जताई आशंका, 'आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी भारत की अर्थव्यवस्था'

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भाषा
Updated Aug 12, 2020 | 12:01 IST

GDP : इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने आशंका जताई कि अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर नहीं आई तो जीडीपी 1947 से पहले वाली स्थिति में पहुंच जाएगी।

Naranmurthy expressed apprehension, 'India's economy to be in worst condition after independence 1947'
इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति  |  तस्वीर साभार: BCCL

बेंगलूरु : इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने मंगलवार को आशंका जताई की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि इस बार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में स्वतंत्रता के बाद के सबसे बड़ी गिरावट दिख सकती है। नारायण मूर्ति ने ऐसी एक नया सिस्टम विकसित करने पर भी जोर दिया जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर में प्रत्येक कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो। मूर्ति ने कहा कि भारत की GDP में कम से कम 5% संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसी आशंका है कि हम 1947 की आजादी के बाद की सबसे बुरी GDP वृद्धि (संकुचन) देख सकते हैं।

साफ्टवेयर क्षेत्र में बड़ी पहचान रखने वाले मूर्ति यहां ‘भारत की डिजिटल क्रांति का नेतृत्व’पर आयोजित एक परिचर्चा में भाग ले रहे थे। वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई यह परिचर्चा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी के ‘इंडिया डिजिटल कन्वर्सेशन के 16वें संस्करण के तहत आयोजित की गई थी। नारायण मूर्ति ने कहा कि ग्लोबल GDP नीचे गई है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार डूब रहा है, अंतरराष्ट्रीय यात्रा करीब-करीब नदारद हो चुकी है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय GDP में 5 से 10% तक संकुचन होने का अनुमान है।

मूर्ति ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगने के पहले दिन से ही उनका यही विचार रहा है कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही जीवन जीने के लिए तैयार होना होगा। इसके लिए तीन वजह हैंः- 

  1. इसकी कोई दवा नहीं है।
  2. कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है।
  3. अर्थव्यवस्था को रोका नहीं जा सकता है।

इस महामारी का सबसे पहले संभावित टीका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से आने की उम्मीद है। यह टीका देश में 06 से 09 माह के भीतर ही उपलब्ध हो पाएगा। मूर्ति ने कहा कि यदि हम प्रतिदिन एक करोड़ लोगों को भी टीका लगाते हैं तब भी सभी भारतीयों को टीका लगाने में 140 दिन लग जाएगे। यह इस बीमारों को फैलने से रोकने में लंबी अवधि है।

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इस हस्ती ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम अर्थव्यवस्था को बंद नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर 14 करोड़ कर्मचारी इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं। इसलिए समझदारी इसी में है कि एक नई सामान्य स्थिति को परिभाषित किया जाए। यह स्थिति पृथ्वी पर आगे बढ़ते हुए और वायरस से लड़ते हुए अर्थव्यवस्था को वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने वाली होनी चाहिए। 

नारायण मूर्ति ने मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए एक नया सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीका तैयार हो जाने की स्थिति में हर व्यक्ति को टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य ढांचा खड़ा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही नए वायरस की इलाज की दिशा में भी काम होना चाहिए।

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