New PF Rules: नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2022 से प्रोविडेंट फंड (PF) के जुड़े नियम में अहम बदलाव होने जा रहा है, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। पीएफ कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा प्रबंधित रिटायरमेंट सेविंग स्कीम (Retirement Savings Scheme) है। इसके तहत कर्मचारी हर महीने फंड में योगदान करते हैं। पीएफ में निवेश करने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद खाते से पैसे निकाल सकता है। लेकिन अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले ईपीएफ खाते से अपना पैसा निकालना चाहता है, तो इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें और दिशानिर्देश हैं।
पीएफ योगदान पर टैक्स
2021-22 के बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने प्रस्ताव दिया था कि सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक का पीएफ योगदान कर योग्य (Tax on PF) होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नए नियमों को नोटिफाई कर दिया है, जिसमें बताया गया है कि एक निश्चित सीमा से ज्यादा किसी कर्मचारी के भविष्य निधि योगदान पर ब्याज पर कैसे टैक्स लगाया जाएगा।
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2.5 लाख से ज्यादा के योगदान पर लगेगा टैक्स
31 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में हर साल 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के योगदान पर टैक्स लगाया जाएगा। जिन पीएफ खातों पर नियोक्ता कोई योगदान नहीं करते हैं, उनके लिए यह सीमा 5 लाख रुपये सालाना है।
ईपीएफ में कितना योगदान देते हैं नियोक्ता?
नियोक्ता बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (Dearness Allowance, DA) का 12 फीसदी ईपीएफ में योगदान देते हैं और कर्मचारी के वेतन से 12 फीसदी की कटौती करते हैं। नियोक्ता के योगदान का 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (Employees Pension Scheme, EPS) में जाता है, जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
पीएफ के नए नियम (New PF Rules)
31 मार्च 2021 तक, नॉन-टैक्सेबल अकाउंट्स पर ब्याज टैक्स फ्री है। कर योग्य खाते पर ब्याज पर हर साल टैक्स लगेगा।
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