न्यूज की पाठशाला में फिर से बजट की स्पेशल क्लास लगी है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा बजट पेश किया। ये माना जा रहा था कि ये चुनावी बजट होगा। लेकिन इस बजट में राजनीति और अर्थशास्त्र को अलग-अलग रखा गया है। कोई लोकलुभावन ऐलान नहीं किए गए। जनता को खुश करने के लिए मुफ्त की कोई योजना नहीं दी गई। चुनावी राज्यों को लेकर सीधे तौर पर कोई ऐलान नहीं किया गया। लेकिन 25 साल के भविष्य का बड़ा रोडमैप रखा गया है।
बजट में सबसे हाईलाइट प्वाइंट होता है कि इनकम टैक्स। करोड़ों टैक्सपेयर ये जानना चाहते थे कि उन्हें क्या मिला? लेकिन बजट में टैक्सपेयर के लिए कुछ नहीं है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जो टैक्स आप देते आ रहे हैं उसी दर से टैक्स देते रहेंगे। सरकार के समर्थक कह रहे हैं कि इतने मुश्किल वक्त में भी टैक्स नहीं बढ़ाया ये बड़ी बात है। दूसरी तरफ टैक्सपेयर को उम्मीद थी कि महामारी और बढ़ती महंगाई के बीच उसके हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे। बजट की क्लास में सबसे पहले टैक्स की ही बात हुई। बजट की इस स्पेशल क्लास में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर एक बार फिर पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा जी थे।
बजट स्पीच के बाद जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इनकम टैक्स में राहत ना देने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने टैक्स नहीं बढ़ाया, यही बड़ी राहत है, महामारी में मैने जनता पर बोझ नहीं डाला। टैक्सपेयर के लिए इस बजट में जो बड़ी बातें हैं, ये आपको बताते हैं।
बजट में क्रिप्टो करेंसी की बात हुई। किसी भी डिजिटल प्रॉपर्टी के ट्रांसफर से होने वाली इनकम पर 30% टैक्स लगेगा। वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर 1% का टीडीएस भी लगाया जाएगा। वर्चुअल डिजिटल एसेट अगर गिफ्ट के तौर पर देंगे, तो उस पर भी टैक्स लगेगा।
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