नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) तीन दिवसीय तेलंगाना दौरे पर हैं। आज वित्त मंत्री बांसवाड़ा शहर के बिरकूर गांव में एक राशन की दुकान पर गईं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राज्य में लगभग 1.91 करोड़ लाभार्थी हैं। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत, अप्रैल 2020 से अब तक केंद्र द्वारा तेलंगाना को 23,95,275 मीट्रिक टन खाद्यान्न मुफ्त आवंटित किया गया है।
गुरुवार को, वह 'लोकसभा प्रवास योजना' (Lok Sabha Pravas Yojana) के तहत कामारेड्डी शहर में जहीराबाद संसदीय क्षेत्र के जिला पदाधिकारियों, मंडल अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुईं।
आठ सालों में खर्च किए पांच लाख करोड़ रुपये
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीते आठ सालों में केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) पर पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से 20 फीसदी कोविड-19 महामारी (Covid-19) के दौरान खर्च किए गए। तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में सीतारमण ने कहा कि आठ सालों में मनरेगा के तहत राज्य को 20,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
इसमें अहम मुद्दा यह है कि यदि पैसा ठीक से खर्च नहीं होने की शिकायतें आती हैं या ऑडिट रिपोर्ट में कोई टिप्पणी होती है तो तो सर्वे दल (किसी भी राज्य में) आएंगे। ऐसे आरोप लगाए गए थे कि सर्वे दलों को योजना को रोकने के लिए भेजा जा रहा है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कोई विसंगतियां होने पर सर्वे दलों को उनमें सुधार करने के लिए भेजा जाएगा।
सरकार ने दूर की खामियां
वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में योजना में अनेक खामियां थीं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दूर किया और इसे अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए लागू किया जा रहा है। उन्होंने तेलंगाना सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि के चंद्रशेखर राव की सरकार राज्य विधानसभा को सूचित किए बगैर और बजट में उल्लेख किए बगैर ऋण ले रही है। सीतारमण ने कहा कि किसान आत्महत्या के मामले में राज्य चौथे पायदान पर है।
(भाषा इनपुट्स के साथ)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।