PPF, NSC, सुकन्या समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव

सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि स्कीम समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदला नहीं किया गया।

No change in interest rates on small savings schemes including PPF, NSC, Sukanya
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव नहीं 
मुख्य बातें
  • लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को यथावत रखा गया है
  • पीपीएफ और एनएससी के ब्याज दरों में भी बदलाव नहीं हुआ है
  • लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को जुलाई - सितंबर में तय किए गए स्तर पर बरकरार रखा गया है

नई दिल्ली : छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में तिमाही आधार पर रिव्यू किया जाता है। लेकिन इस बार  ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया। सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (PPF) और राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) समेत विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे समय जब बैंकों में विभिन्न जमा दरों में नरमी का रुख बना है सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को यथावत रखा गया है। पीपीएफ और एनएससी पर सालाना ब्याज दर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत पर बनी रहेगी। वित्त मंत्रालय तिमाही आधार पर लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को नोटिफाइड करता है।

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने सरकार की चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए उधारी लक्ष्य की जानकारी देते हुए बताया कि तीसरी तिमाही में लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

  1. इसके अनुसार पांच साल की सीनियर सिटिजन बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत बनी रहेगी। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज तिमाही दी जाती है।बचत जमा पर ब्याज दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
  2. बालिकाओं से जुड़ी बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत पर रहेगी। अधिसूचना के अनुसार किसान विकास पत्र पर सालाना ब्याज दर 6.9 प्रतिशत होगी।
  3. एक से पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 5.5 से 6.7 प्रतिशत के दायरे में होगी। वहीं पांच साल के लिये रेकरिंड डिपॉजिट पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत रखी गई है।
  4. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को (जुलाई - सितंबर) में तय किए गए स्तर पर बरकरार रखा गया है।

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