नई दिल्ली : आवाज के जरिये वित्तीय लेनदेन (Voice Based Financial Transactions) जल्द ही एक वास्तविकता बनने जा रहा है। रिजर्व बैंक ने इस तरह के भुगतान के लिए हार्डवेयर-एग्नॉस्टिक ध्वनि तरंग आधारित तकनीकी समाधान प्रदाता टोनटैग को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि टोनटैग ने खुदरा भुगतान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सैंडबॉक्स के तहत पहले दस्ते का परीक्षण चरण पूरा कर लिया है। कंपनी ने कर्नाटक और बिहार के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में परीक्षण किया जिसमें 1,000 रुपए तक के लेनदेन शामिल थे।
टोनटैग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने असंगत इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में फीचर फोन और स्मार्ट फोन के माध्यम से ऑफलाइन आवाज-आधारित भुगतानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
बेंगलुरु की कंपनी ने कहा कि प्रौद्योगिकी पहले से ही मौजूद है, हमें रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गयी है, अब विनियमित इकाइयां इस तकनीक को आसानी से अपना सकती हैं।
उसने कहा कि इससे उन लोगों को लाभ होगा जो डिजिटल मंचों का इस्तेमाल करने के आदि नहीं हैं या जिन्हें बैंकिंग या भुगतान के लिए ऐप का इस्तेमाल करना मुश्किल लगता है।
कंपनी ने कहा कि इस तरह यह नयी सुविधा डिजिटल भुगतान को सभी के लिए एक वास्तविकता बना देगी और यह तकनीक अब सेवा प्रदाताओं द्वारा अपनाए जाने के लिए तैयार है।
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