नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चौथी बार मोदी सरकार 2.0 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने आगामी वित्त वर्ष के लिए किसी तरह की कर में कटौती का ऐलान नहीं किया लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए न्य पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस के प्रावधानों में वित्त मंत्री ने एक बड़ा ऐलान किया है।
टीयर-1 के कर्मचारियों को मिलेगी 4 प्रतिशत का फायदा
नए प्रस्ताव के तहत राज्य कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अकाउंट में नियोक्ता के कंट्रीब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 14 फीसदी कर दी गई है। अभी राज्य कर्मचारियों के लिए NPS अकाउंट पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 10 फीसदी है। इस कदम से राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच समानता आएगी। साथ ही, इससे सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स में बढ़ोतरी होगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर हुई मिलने वाली छूट
वित्त मंत्री ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार दोनों के कर्मचारियों के प्रति समान व्यवहार करने के लिए, मैं राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस खाते में नियोक्ता(Employer) के योगदान पर कर कटौती सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा हितलाभों को बढ़ाने और उन्हें केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के समान लाने में मदद मिलेगी।'
राज्य सरकार के कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
भारत सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम की शुरुआत 1 अप्रैल 2004 को की थी। यह एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। वर्तमान में कर्मचारी को अपने मूल वेतन (बेसिक सैलरी) तथा महंगाई भत्ते का 14% का योगदान नेशनल पेंशन स्कीम में करना होता है। टैक्स में एम्पलायर्स द्वारा किए जाने वाले योगदान पर कर छूट राज्य सरकार के कर्मचारियों को वर्तमान में केवल 10 प्रतिशत मिल रही थी जिसे अब बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। केंद्रीय कर्मचारियों को पहले ही ये लाभ मिल रहा है।
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की 10 प्रतिशत ही रहेगी छूट की सीमा
आगामी वित्त वर्ष यानी साल 2022-23 से राज्य सरकार के कर्मचारी अब एंप्लॉयर की तरफ से किए गए NPS कंट्रीब्यूशन (राज्य सरकारों की तरफ से किए गए योगदान) पर 14 फीसदी का टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। उनके लिए यह सीमा अभी भी 10 फीसदी ही है।
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