Offline Digital Payments: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय बैंक ने प्रति लेनदेन 200 रुपये तक ऑफलाइन भुगतान (Offline Digital Payments) की अनुमति दे दी है, जो कुल 2,000 रुपये की सीमा के अधीन है।
क्या है ऑफलाइन डिजिटल भुगतान?
ऑफलाइन डिजिटल भुगतान का अर्थ एक ऐसा लेनदेन है जिसमें इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं होती है। इस नए ढांचे के तहत, इस तरह का भुगतान किसी भी चैनल या कार्ड, वॉलेट, मोबाइल डिवाइस आदि का उपयोग करके आमने-सामने (प्रॉक्सिमिटी मोड) से किया जा सकता है।
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इस तरह के लेनदेन के लिए एडिश्नल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (AFA) की आवश्यकता नहीं होगी। चूंकि लेनदेन ऑफलाइन हैं, इसलिए ग्राहक को एक समय अंतराल के बाद अलर्ट (एसएमएस या ई-मेल के माध्यम से) प्राप्त होंगे। इसके लिए 200 रुपये प्रति लेनदेन की सीमा है।
शेष राशि की पुनःपूर्ति केवल ऑनलाइन मोड में ही हो सकती है। ग्राहक की सहमति प्राप्त करने के बाद ही भुगतान का ऑफलाइन मोड सक्षम किया जा सकता है। ग्राहकों को रिजर्व बैंक (समय-समय पर संशोधित) द्वारा जारी ग्राहक देयता को सीमित करने वाले परिपत्रों के प्रावधानों के तहत सुरक्षा प्राप्त होगी।
शिकायत निवारण के लिए इय योजना का उठा सकते हैं लाभ
ग्राहक शिकायत निवारण के लिए रिजर्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme) का भी सहारा लेते हैं। ऑफलाइन लेनदेन से खराब या कमजोर इंटरनेट वाले क्षेत्रों में, विशेष रूप से अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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