मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सरकारी बैंक प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बैंकों से जुड़े की मुद्दों पर बात की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि सरकारी बैंकों के मृतक कर्मचारी के परिवार को अब कर्मचारी के आखिरी वेतन के 30% के बराबर पेंशन मिलेगी। पहले यह पेंशन राशि 9,284 रुपए थी। साथ ही यह भी कहा गया कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों की पेंशन के लिए सरकारी बैंकों का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14% किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक जिला, एक उत्पाद निर्यात एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा। उन्होंने सरकारी बैंकों से कहा कि वे निर्यातकों के संगठनों से बातचीत करें और उनकी जरूरतों को समझें।
इसके अलावा सीतारमण ने कहा कि महामारी के दौरान सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेजों से अर्थव्यवस्था को मिली गति को सक्रिय प्रयासों से मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि यह निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी कि मांग में कमी है। मुझे नहीं लगता कि यह निष्कर्ष निकालने का समय है कि कर्ज नहीं लिया जा रहा। संकेतों का इंतजार किए बिना भी हमने लोन वृद्धि के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच बैंकों द्वारा सक्रिय पहल के जरिए 4.94 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज दिया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल अक्टूबर में भी देश के हर जिले में कर्ज देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने घोषणा की है कि एनबीएफसी-एमएफआई के जरिए कर्जदारों को 1.5 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर जो प्रोत्साहन दे रहे हैं, उसकी गति को बनाए रखने के लिए हमने बैंकों से बाहर निकलकर कर्ज देने के लिए भी कहा है।
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