Credit card payment: इमरजेंसी में ही EMI के जरिए करें क्रेडिट कॉर्ड का भुगतान, फायदे वाली जानकारी यहां पढ़ें

Credit card payment through EMI: क्या आपको क्रेडिट कार्ड के जरिए की गई खरीदारी का भुगतान ईएमआई के जरिए करनी चाहिए। इसके बारे में विस्तार से समझने की आवश्यकता है।

Credit card payment: इमरजेंसी में ही EMI के जरिए करें क्रेडिट कॉर्ड का भुगतान, फायदे वाली जानकारी यहां पढ़ें
क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में बरतें सावधानी 
मुख्य बातें
  • क्रेडिट कार्ड का समय पर करें भुगतान, ऐसा नहीं करने पर ब्याज देने के साथ सिविल स्कोर होता है खराब
  • क्रेडिट कार्ट भुगतान के लिए ईएमआई विकल्प को इमरजेंसीं में करें इस्तेमाल
  • ईएमआई सुविधा के लि 24-39 फीसद पर एनम देना पड़ता है ब्याज

नई दिल्ली। आज के जमाने में लोगों के वालेट में कैश भले ही कम मिले। डेबिट और क्रेडिट कार्ड जरूर मिलता है। क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आप कैश की चिंता छोड़कर खरीदारी कर लेते हैं। लेकिन समय पर अगर पेमेंट न हो तो दिक्कतें आ जाती है। इसे देखते हुए क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने वाले बैंक खरीदारी को ईएमआई के जरिए भी पे करने की सुविधा देते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एक ग्राहक को किन बातों पर ध्यान देना चाहिए उसे हम बताएंगे। 

क्रेडिट कार्ड भुगतान में दिखाएं समझदारी
अगर आप क्रेडिट कार्ड से खरीद करते हैं और एक ही बार में खर्च की गई रकम को चुका पाने में दिक्कत महसूस करते हैं तो इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट यानि ईएमआई के जरिए भुगतान कर सकते हैं। इससे आप के क्रेडिट स्कोर पर बहुत ज्यादा नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। Paisabazaar.com  के डॉयरेक्टर और हेड साहिल अरोरा बताते हैं कि अगर क्रेडिट कार्ड के बिल को सही समय पर जमा नहीं कर पाते हैं तो पर एनम आप को 24 से लेकर 49 फीसद तक ब्याज देना पड़ जाता है।

यही नहीं अगर मिनिमम ड्यू पेमेंट नहीं करते हैं को लेट पेमेंट 1000 रुपए तक अदा तो करना ही पड़ता है साथ ही क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है। हां, यदि समय से आप भुगतान करते हैं, तो ब्याज देने से आजादी और सिविल स्कोर खराब नहीं होता है। 
ग्राहक को क्या करना चाहिए।



इमरजेंसी में ईएमआई ऑप्शन पर करें विचार
किसी भी ग्राहक को ईएमआई ऑप्शन का चुनाव इमरजेंसी में करना चाहिए। पॉलिसी एक्स.कॉम के सीईओ और फाउंडर नवल गोयल बताते हैं कि अगर किसी ग्राहक के सामने कोई विकल्प न रह जाए तो ही उसे ईएमआई विकल्प को चुनना चाहिए। क्रेडिट कॉर्ड के बिल को जब आप ईएमआई में बदलते हैं तो एक तो खर्चीला होता है दूसरी तरफ आपको अतिरिक्त ब्याज की अदायगी करनी पड़ती है।

ब्याज दरों की करें तुलना
क्रेडिट कार्ड मुहैया करने वाले बैंकों के ब्याज दरों में अंतर होता है। सामान्य तौर पर ब्याज दरों की गणना लोन की अवधि से होती है। अगर लोन चुकाने या भुगतान करने की अवधि ज्यादा है तो ब्याज दर ज्यादा देना होता है। सामान्य तौर पर क्रेडिट कार्ड धारकों को ईएमआई के जरिए लोन चुकाने के लिए 6 महीने से लेकर 2 वर्ष का समय देते हैं। गोयल बताते हैं कि अगर आप ज्यादा खर्च करते हैं तो दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए। यह सामान्य तौर पर सलाह दी जाती है कि क्रेडिट कार्ट पर जो ब्याज दर लगाई गई है उसकी तुलना पर्सनल लोन या चॉप अप लोन से करना चाहिए। इन तीनों में जो सबसे बेहतर विकल्प लगे उसका चयन करना चाहिए। 

प्रासेसिंग फी के बारे में जानकारी जुटाएं
कुछ बैंक किसी भी तरह से क्रेडिट कॉर्ड पर किसी तरह की प्रासेसिंग फी नहीं ली जाती है। हालांकि कुछ बैंक अपफ्रंट लोन या लेवी लगा सकते हैं। क्रेडिट कार्ड बनवाने से पहले बैंक से पता कर लेना चाहिए कि वो प्रासेसिंग फी चार्ज करेंगे या नहीं।

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