नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिये लागू आवागमन पर लागू 21 दिन की रोक के बीच मार्च में पेट्रोल, डीजल की बिक्री में भारी कमी आई है। इस दौरान पेट्रोल की बिक्री में 17.6 प्रतिशत और डीजल की बिक्री में 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।विमान ईंधन एटीएफ की बिक्री भी 31.6 प्रतिशत कम हुई है। लॉकडाउन के चलते सड़कों पर वाहनों के आवागमन पर तो रोक है ही विमानों की उड़ानें भी बंद हैं। केवल जरूरी सेवाओं के लिये ही इनकी अनुमति दी जा रही है।
पेट्रोलियम उद्योग के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक एक साल पहले मार्च महीने के मुकाबले इस साल मार्च में पेट्रोल की बिक्री 17.6 प्रतिशत घटकार 19.43 लाख टन रही। वहीं डीजल की बिक्री 25.6 प्रतिशत घटकर 49.82 लाख टन रह गई। इसी प्रकार विमान ईंधन की बिक्री भी घटकर 4.63 लाख टन रह गई। इस दौरान केवल एलपीजी सिलेंडर की मांग में ही वृद्धि दर्ज की गई। मार्च माह के दौरान एलपीजी की बिक्री एक साल पहले इसी माह के मुकाबले 1.9 प्रतिशत बढ़कर 22.86 लाख टन हो गई।
सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों तेल विपणन कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराये गये ये अस्थाई आंकड़े हैं। ये आंकड़े इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलिये कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुसतान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं।
निजी क्षेत्र की कंपनियों के बिक्री आंकड़े भी अगले कुछ दिन में मिलने के बाद बिक्री के अंतिम आंकड़े तय किये जा सकेंगे।
उद्योग सूत्रों का कहना है कि अप्रैल 2020 में भी स्थिति में ज्यादा बदलाव आने की उम्मीद नहीं लगती है। लॉकडाउन अभी 14 अप्रैल तक लागू है। उसके बाद की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है। लॉकडाउन समाप्त होने और सार्वजनिक परिवहन खुलने के बाद ही मांग में तेजी आ सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में 25 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया है। इस दौरान देशभर में सभी दफ्तर, कारखाने बंद रखे गये हैं। केवल जरूरी सेवाओं को इससे अलग रखा गया है। सड़कों पर वाहन, रेल गाड़ियों का आवागमन और विमानों की उड़ान सभी कुछ बंद है। लोगों इस दौरान घरों में रहने का कहा गया है ताकि कोरोना वायरस की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।
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