Prime Minister Jan Dhan Yojana : मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के 6 साल पूरे हो गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (28 अगस्त 2020) को कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना से 40.35 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिला है। इस योजना की 6ठी वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, आज से 6 साल पहले प्रधानमंत्री जन धन योजना को बैंकिंग के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। यह पहल एक गेम-चेंजर रही है, जो कई गरीबी उन्मूलन इनिशिएटिव में फाउंडेशन के रूप में काम करती है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ होता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना की बदौलत कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। लाभार्थियों में अधिकांश ग्रामीण इलाकों से है और महिलाएं हैं। मैं उन सभी की भी सराहना करता हूं जिन्होंने पीएम-जेडीवाई को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएम जनधन योजना की घोषणा की थी। 28 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर को एक दुष्चक्र से गरीबों की मुक्ति के एक जश्न के तौर पर बताया था। सीतारमण ने कहा कि PMJDY मोदी सरकार की जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है। उन्होंने कहा कि चाहे वह डायरेक्ट बेनिफिट्स हो, कोरोना वायरस महामारी के दौरान आर्थिक सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत वेतन में वृद्धि हो या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर, पहला कदम था कि सभी व्यस्क को बैंक खाता मुहैया कराना, जिसे PMJDY ने करीब पूरा कर लिया है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में PMJDY ने बैंकिंग सिस्टम में इससे छूट गए लोगों को जोड़ा और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को फाइनेंस सिस्टम में शामिल किया गया, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकांश खाते ग्रामीण भारत के हैं। PMJDY खातों के तहत कुल जमा शेष राशि 1.31 लाख करोड़ रुपए और प्रति खाता औसत जमा राशि 3,239 रुपए है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस खाते से गरीब लोगों को अपनी बचत औपचारिक वित्तीय प्रणाली में रखने का रास्ता खुला और इसके जरिए गांवों में अपने परिवारों तक पैसे भेजने के साथ ही उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने में भी मदद मिली।
इस योजना को सफलतापूर्वक लागू हुए 6 वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस अवसर पर हम इस योजना के अब तक के प्रमुख पहलुओं और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) बैंकिंग, बचत/जमा खातों, प्रेषण, उधारी, बीमा, पेंशन आदि वित्तीय सेवाओं तक किफायती तरीके से पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय समावेशन का एक राष्ट्रीय मिशन है।
देश में बैंक शाखाओं, एटीएम, बैंक मित्रों, डाक घरों आदि जैसे बैंकिंग टच पॉइंट का पता लगाने के लिए एक नागरिक केंद्रित प्लेटफॉर्म प्रदान करने के उद्देश्य से एक मोबाइल ऐप्लिकेशन लॉन्च किया गया था। इस जीआईएस ऐप पर 8 लाख से अधिक बैंकिंग टच पॉइंट मैप किए गए हैं। आम लोगों की जरूरतों और सुविधाओं के अनुसार जन धन दर्शक ऐप पर उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। इस ऐप्लिकेशन के वेब संस्करण को http://findmybank.gov.in लिंक पर देखा जा सकता है।
इस ऐप का इस्तेमाल उन गांवों की पहचान के लिए भी किया जा रहा है जहां 5 किमी के दायरे में कोई बैंकिंग टच पॉइंट की सुविधा नहीं है। उसके बाद इन चिन्हित गांवों को संबंधित एसएलबीसी द्वारा विभिन्न बैंकों को आवंटित किया जाता है ताकि वहां बैंकिंग केंद्र खोला जा सके। इन सब प्रयासों से ऐसे गांवों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।
माननीय वित्त मंत्री द्वारा 26 मार्च 2020 को की गई घोषणा के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के महिला खाताधारकों के खातों में तीन महीनों (अप्रैल 2020 से जून 2020) के दौरान 500 रुपये प्रति माह रकम जमा कराई गई। अप्रैल 2020 से जून 2020 के दौरान महिला PMJDY खाताधारकों के खातों में कुल मिलाकर 30,705 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।
बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लगभग 8 करोड़ PMJDY खाताधारकों ने सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पात्र लाभार्थियों को समय पर उनका डीबीटी प्राप्त हो, विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न अन्य मंत्रालयों के परामर्श से डीबीटी के विफल होने के संभावित कारणों की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस संबंध में बैंकों और एनपीसीआई के साथ नियमित तौर पर निगरानी की जाती है। अपरिहार्य कारणों से डीबीटी के विफल होने की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। डीबीटी के विफल होने की संख्या अप्रैल 2019 में 5.23 लाख (0.20%) थी जो घटकर जून 2020 में 1.1 लाख (0.04%) रह गई।
सरकार ने 2018 में नई सुविधाओं और फायदों के साथ PMJDY के दूसरे संस्करण को लॉन्च किया। इसके तहत सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए खातों के लिए रुपे कार्ड पर मुफ्त आकस्मिक बीमा कवर देने का फैसला किया। साथ ही ओवरड्राफ्ट की सीमा भी बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई और बिना किसी शर्त 2,000 रुपए तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी गई। पिछले एक साल में करीब 3.6 करोड़ जन धन खाते खोले गए और 19 अगस्त 2020 तक कुल जन-धन खातों की संख्या 40.35 करोड़ से अधिक थी।
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