PM Kisan Yojana: कोरोना वायरस महामारी के दौरान सबसे अधिक गरीब, मजदूर और किसान प्रभावित हुए हैं। लेकिन सरकार इन्हें कई योजनाओं के तहत मदद कर रही है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना से गरीबों को नवंबर तक पांच किलो अनाज और एक किलो चना प्रति माह दिया जा रहा है जबकि किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKSNY) के तहत चार-चार महीनों पर दो-दो हजार रुपए करके प्रत्येक साल 6000 रुपए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड ( Kisan Credit Card) से सस्ते दर में लोन दिए जाते हैं।
70 लाख नए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर दिए हैं। बैंकों ने किसानों को खरीफ फसल की बुवाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए 62,870 करोड़ रुपए की लोन सीमा के साथ 70.32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया था कि 30 जून, 2020 की स्थिति के अनुसार आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कुल 2 लाख करोड़ रुपए के सस्ते लोन के तहत 62,870 करोड़ रुपए की लोन सीमा के साथ 70.32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। अब तक केसीसी के करीब पौने आठ करोड़ लाभार्थी हो गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज की रेट 4 प्रतिशत है। इसमें बिना सिक्योरिटी जामा किए 1.60 लाख रुपए लोन ले सकते हैं। समय से लौटाने पर लोन को 3 लाख तक बढ़ाया जा सकता है।
सरकार ने नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) द्वारा स्पेशल लिक्वीडिटी सुविधा के तहत सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों को 24,586.87 करोड़ रुपए का भी भुगतान किया है। सीतारमण ने एक और ट्वीट मे कहा था कि 30 जून 2020 तक, 24,586.87 करोड़ रुपए पहले ही नाबार्ड द्वारा 30,000 करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्वीडिटी सुविधा के तहत सहकारी बैंकों, आरआरबी और एमएफआई को वितरित किए जा चुके हैं। यह 3 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को उनकी फसल के बाद और खरीफ की बुवाई जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
किसानों को 2 लाख करोड़ रुपए रियायती लोन देने के संबंध में, सरकार ने कहा था कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पीएम-किसान लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने के लिए एक स्पेशल अभियान चलाया जाएगा। गौर हो कि सरकार ने मई में मछुआरों और पशुपालन उद्योग से जुड़े कृषक समेत 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 2 लाख करोड़ रुपए का रियायती कर्ज देने की घोषणा की थी।
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