नई दिल्ली : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए तीसरे लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के नाम संदेश दिया। उन्होंने इस दौरान 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भरता,आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है।आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है।
पीएम मोदी ने कहा कि इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को,आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में-
Land
Labour
Liquidity
Laws
सभी पर बल दिया गया है।
आर्थिक पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग के लिए
पीएम मोदी ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, MSME के लिए है। जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।
आर्थिक पैकेज श्रमिक के लिए
पीएम ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जो रेहड़ी, ठेला लगाने वाले भाई-बहन हैं, जो श्रमिक साथी हैं, उन्होंने इस दौरान बहुत कष्ट झेले हैं। त्याग किए हैं। अब हमारा कर्तव्य है कि उन्हें ताकतवर बनाया जाए। उनके आर्थिक हितों के लिए बड़े कदम उठाने का।
लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए 'वोकल' बनना है, न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है।
ये युग आत्मनिर्भर भारत का
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी, भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व, आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा, नूतन पर्व भी होगा। अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है।
कोरोना वायरस को लेकर पीएम मोदी ने पहली बार 19 मार्च को देश को संबोधित किया था। जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। यह पीएम का पांचवां संबोधन था। आज के संबोधन से एक दिन पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 और लॉकडाउन के विषय पर चर्चा की थी। संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि कोरोना से मुकाबला करते हुए अब 4 महीने से ज्यादा समय बीत गया है। तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोये हैं। मैं सभी के प्रति संवेदन व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
इससे पहले पीएम का संबोधन
पहला संबोधन: 19 मार्च को हुआ। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया। शाम को लोगों ने घरों की बालकनियों में कोरोना फाइटर्स के सम्मान में ताली और थाली बजायी थी।
दूसरा संबोधन: 24 मार्च को हुआ था और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था।
तीसरा संबोधन: पीएम मोदी ने 3 अप्रैल को वीडियो संदेश जारी किया था। लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर घरों में दीए, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी।
चौथा संबोधन: पीएम मोदी 14 अप्रैल को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था। और कहा था लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है।
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