पीएम मोदी ने गुजरात में भारत के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का किया उद्घाटन, गिफ्ट सिटी में कही ये बात

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भाषा
Updated Jul 29, 2022 | 22:55 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) की आधारशिला रखी और इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीसी) का उद्घाटन किया और गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्टी) सिटी में कहा कि  भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

PM Modi inaugurates India's first International Bullion Exchange in Gujarat, said this in Gift City
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  |  तस्वीर साभार: Twitter

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो वैश्विक वित्तीय क्षेत्र में नए रुझानों को आकार देते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत ने आत्मविश्वास की कमी के चलते खुद को अपनी सीमाओं के भीतर सीमित कर लिया, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं और देश तेजी से वैश्विक बाजारों के साथ खुद को एकीकृत कर रहा है। उन्होंने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी में एक समारोह में यह भी कहा कि भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और उसे ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहिए, जो इसकी वर्तमान और भविष्य की भूमिकाओं को निभा सकें।

मोदी ने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) की आधारशिला रखी और इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीसी) का उद्घाटन किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने एनएससी (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) आईएफएससी (अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) और एसजीएक्स (सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड) ‘कनेक्ट मंच’ का भी उद्घाटन किया। मोदी ने कहा कि भारत आज अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों के साथ खड़ा है, जो वैश्विक वित्तीय क्षेत्र में नए रुझानों को आकार देते हैं। मैं इस उपलब्धि के लिए देश के लोगों को बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और आगे चलकर ये और भी बड़ा होगा। हमें ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहिए, जो हमारी वर्तमान और भविष्य की भूमिकाओं को पूरा कर सकें। मोदी ने कहा कि दुनिया में डिजिटल भुगतान में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है और इस मामले में देश अगुआ है। उन्होंने कहा कि गिफ्ट सिटी के जरिए भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में अपनी जगह मजबूत कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने आईएफएससीए के मुख्यालय भवन का शिलान्यास करने के बाद कहा कि मुझे विश्वास है कि ये भवन अपने जितना भव्य होगा, उतना ही भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के असीमित अवसर भी तैयार करेगा। आईएफएससीए नवाचार का समर्थन करेगा और वृद्धि अवसरों को शक्ति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि गिफ्ट सिटी केवल व्यापार-कारोबार या आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे भारत के भविष्य का दृष्टिकोण और स्वर्णिम अतीत के सपने भी जुड़े हैं।

उन्होंने अपने गृह नगर का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे जन्‍म स्‍थान वडनगर में खुदाई चल रही है और वहां प्राचीन काल के सिक्के मिल रहे हैं। ये इस बात का सबूत है कि हमारी व्यापारिक व्यवस्था और संबंध कितने व्यापक थे। लेकिन, आजादी के बाद हम खुद ही अपनी विरासत को, अपनी इस ताकत को पहचानने से कतराने लगे। शायद ये गुलामी और कमजोर आत्मविश्वास का असर था कि हमने अपने व्यावसायिक, सांस्कृतिक और दूसरे सम्बन्धों को जितना हो सका सीमित कर दिया।

मोदी ने कहा कि अब नया भारत इस पुरानी सोच को बदल रहा है और गिफ्ट सिटी भारत के साथ ही वैश्विक अवसरों से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसलिए, भविष्य में जब हमारी अर्थव्यवस्था आज से भी कहीं ज्यादा बड़ी होगी, तो हमें उसके लिए अभी से तैयार होना होगा।

सोने के कारोबार के बारे में उन्होंने कहा कि सोने के लिए भारत के लोगों का प्यार किसी से छिपा नहीं है। ये एक बड़ी वजह है कि भारत आज सोने-चांदी का एक बहुत बड़ा बाजार है। लेकिन, क्या भारत की पहचान सिर्फ इतनी ही होनी चाहिए? भारत की पहचान एक बाजार निर्माता की भी होनी चाहिए। आईआईबीएक्स इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रिकॉर्ड स्तर पर आ रहा है। ये निवेश देश में नए अवसर पैदा कर रहा है। युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है। जो भारत में निवेश कर रहे हैं, वे अपने निवेश पर अच्छा प्रतिफल हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज तत्काल डिजिटल भुगतान में पूरी दुनिया में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले भारत की है। फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) क्षेत्र में भारत की ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है। इसलिए, मेरी आप सबसे अपेक्षा है कि फिनटेक में आप नए नवाचार को बढ़ावा दें। गिफ्ट आईएफएससी फिनटेक की वैश्विक प्रयोगशाला बनकर उभरे।

मोदी ने कहा कि आज भारत में एक बड़ा वर्ग है जो वृद्धि के लिए निवेश करना चाहता है। उनके लिए वित्तीय शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड के मुताबिक 2014 में भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधन के तहत संपत्ति करीब 10 लाख करोड़ थी, जो जून 2022 तक बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये हो गई। यानी लोग निवेश करना चाहते हैं। वो इसके लिए तैयार हैं। हमें चाहिए कि हम उनके लिए शिक्षा और सूचना सुनिश्चित करें।

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