नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज फिर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी। इस बैठक में 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। पीएम ने मंगलवार को भारतीय उद्योग महासंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है। इसके लिए सरकार जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है। साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो लॉन्ग टर्म में देश की मदद करेंगे। इससे पता चलता है कि आज की बैठक में बडे़ निर्णय हो सकते हैं।
इससे पहले सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। सोमवार को पीएम ने कहा था अन्नदाताओं, मजदूरों और श्रमिकों के जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव लाएंगे और रोजगार के अवसर सृजित करेंगे। उन्होंने कहा था कि सरकार के इन निर्णयों से किसानों, रेहड़ी-पटरी वालों और एमएसएमई को जबरदस्त लाभ पहुंचने वाला है। उन्होंने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए हमने न केवल एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदली है, बल्कि इसमें नई जान फूंकने के लिए कई प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इससे संकटग्रस्त छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा, साथ ही रोजगार के अपार अवसर सृजित होंगे।
मोदी ने कहा कि देश में पहली बार सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों के रोजगार के लिए लोन की व्यवस्था की है। ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि जय किसान' के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए अन्नदाताओं के हक में बड़े फैसले किए हैं। इनमें खरीफ की 14 फसलों के लिए लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही 3 लाख रुपए तक के शॉर्ट टर्म लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है।
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र निर्माण में एमएसएमई की भूमिका को शीघ्र पहचाना। इसलिए एमएसएमई सेक्टर को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया। इसमें कहा गया है कि इस पैकेज के तहत एमएसएमई सेक्टर के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं।
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