बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिनों से बिहार वासियों को कई परियोजनाओं की सौगात देते आ रहे हैं। इसी सिलसिले में पीएम मोदी आज (15 सितंबर) वर्चुअल माध्यम से बिहार में शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 7 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया। इनमे से 4 परियोजनाएं जल आपूर्ति से संबंधित है। 2 परियोजनाएं सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए और एक परियोजना रविर फ्रंट डेवलपमेंट से संबद्ध है। इन सभी परियोजनाओं की लागत 541 करोड़ है। 7 परियोजनाओं के उद्घाटन में 151 करोड़ की लागत का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, 78 करोड़ की लागत से बने 43 एमएलडी वाले बेउर एसटीपी भी शामिल हैं। सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन बुडको द्वारा किया गया। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि शहरी गरीबों, शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन आसान बनाने वाली आज शुरु हुई नई परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इसके अलावा मुंगेर और जमालपुर में पानी की कमी को दूर करने वाली जलापूर्ति परियोजनाओं और मुजफ्फरपुर में नमामि गंगे के तहर रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट स्कीम का भी आज शिलान्यास किया गया है। आज जिन चार योजनाओं का उद्धाटन हो रहा है उसमें पटना शहर के बेउर और करमलीचक में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा अमृत योजना के तहत सीवान और छपरा में पानी से जुड़े प्रोजेक्ट्स भी शामिल है। राष्ट्र निर्माण के काम में बहुत बड़ा योगदान बिहार का भी है। बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है। बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है। पीएम मोदी ने कहा कि छठी मैया के आशीर्वाद से हम बिहार के शहरी और ग्रामीण इलाकों, उनको गंदे जल और बीमारी बढ़ाने वाले जल से मुक्ति दिलाने के लिए जी जान से काम करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती है। यहां हजारों सालों से नगरों की एक समृद्ध विरासत रही है। प्रचीन भारत में गंगा घाटी के इर्द-गिर्द आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध और सम्पन्न नगरों का विकास हुआ। लेकिन गुलामी के इस लंबे कालखंड ने इस विरासत को बहुत नुकसान पहुंचाया। आजादी के बाद के शुरुआती दिनों में बिहार को बड़े और विजनरी नेताओं का नेतृत्व मिला। जिन्होंने गुलामी के कारण आई विकृतियों को दूर करने की भरसक कोशिश भी की।
पीएम ने कहा कि इसके बाद एक दौर ऐसा भी आया जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, राज्य के लोगों को आधुनिक सुविधाएं देने के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं पूरी तरह बदल गईं। नतीजा ये हुआ कि राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया। जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है।
पीएम ने कहा कि बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है। जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है। अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है।
पीएम ने कहा कि बीते 1 साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है। लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है। लेकिन मेरा ऐसा मानना नहीं है। अगर कोई समस्या लगती है तो उसमें अवसर भी होता है।
पीएम ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने तो उस दौर में ही इस सच्चाई को समझ लिया था और वो शहरीकरण के समर्थक थे। उन्होंने ऐसे शहरों की कल्पना की थी, जहां गरीब से गरीब व्यक्ति को भी अवसर मिलें, जीवन को बेहतर करने के रास्ते उनके लिए खुलें। आत्मनिर्भर बिहार 'आत्मनिर्भर भारत' के मिशन को गति देने के लिए विशेषकर देश के छोटे शहरों को, भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार करना बहुत जरूरी है। बिहार के लोगों का तो गंगा जी से बहुत ही गहरा नाता है। गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है। गंगा जी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार में एसटीपी व घाटों के उद्घाटन के कार्यक्रम का अपने स्वागत भाषण से आरम्भ करते हुए कहा कि उप-मुख्यमंत्री, बिहार सुशील मोदी ने कहा कि हमें बताते खुशी हो रही है कि बिहार के सुल्तानगंज व कहलगांव के बीच गांगेय डॉल्फिनों की संख्या 1455 है।
पीएम मोदी ने कहा कि गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इसमें पर्यटन के आधुनिक आयाम भी जुड़ते जा रहे हैं। बिहार सहित पूरे देश में 180 से अधिक घाटों के निर्माण का काम चल रहा है। इसमें से 130 घाट पूरे भी हो चुके हैं। बिहार में इतनी तेजी से काम होगा, काम शुरू होने के बाद पूरा भी होगा, इस बात की कल्पना भी डेढ़ दशक पहले नहीं की जा सकती थी। लेकिन नीतीश जी के प्रयासों ने केंद्र सरकार के प्रयासों ने ये सच कर दिखाया है। अभी हाल में ही सरकार ने एक डॉल्फिन प्रोजेक्ट की घोषणा की है। इसका बहुत बड़ा लाभ गंगा डॉल्फिन को भी होगा। पटना से लेकर भागलपुर तक के क्षेत्र का विस्तार डॉल्फिन का निवास स्थान है। इसलिए डॉल्फिन प्रोजेक्ट से बिहार को बहुत लाभ होगा।
पीएम ने कहा कोरोना की चुनौती के बीच बिहार में विकास और सुशासन का अभियान इसी तरह से चलने वाला है। हम पूरी ताकत, पूरे सामर्थ्य से इसी तरह आगे बढ़ने वाले हैं। लेकिन इसके साथ हर बिहारवासी और देशवासी को संक्रमण से बचाव का संकल्प कभी भी भूलना नहीं है।
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