GST Slabs: केंद्र सरकार माल एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) की स्लैब में बड़ा बदलाव कर सकती है। सरकार चार की जगह सिर्फ तीन टैक्स स्लैब रखने पर विचार कर रही है। जल्द ही 12 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब को मिलाकर 15 फीसदी किया जा सकता है। जीएसटी स्ट्रक्चर (GST structure) में बदलाव का प्रस्ताव जीएसटी रेट स्ट्रक्चर में बदलाव का सुझाव देने के लिए गठित राज्य मंत्रियों के एक पैनल द्वारा किया जा सकता है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से कहा कि जीओएम के निर्णय की जीएसटी परिषद (GST Council) द्वारा समीक्षा की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट और राज्यों की राजस्व स्थिति पर विचार करने के लिए अगले महीने की शुरुआत में बैठक होने की उम्मीद है। परिषद द्वारा लखनऊ में सितंबर 2021 की बैठक में GoM का गठन किया गया था।
जीएसटी रेट स्ट्रक्चर
वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब हैं जिसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी दरें हैं। कीमती धातुओं जैसे कुछ सामानों पर विशेष दरें भी लगाई जाती हैं, जिससे व्यवस्था जटिल हो जाती है। इस बीच, जब जुलाई 2017 में जीएसटी की घोषणा की गई, तो रेवेन्यू-न्यूट्रल रेट लगभग 15.5 फीसदी देखी गई।
क्या है रेवेन्यू-न्यूट्रल रेट?
रेवेन्यू-न्यूट्रल रेट वह दर होती है जिस पर जीएसटी में स्विच करने के बाद राज्यों या केंद्र के लिए कर राजस्व का कोई नुकसान नहीं होता है। कई सामानों पर छूट और दरों में कटौती के कारण यह दर घटकर लगभग 11.6 फीसदी रह गई है।
5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी हो सकती है दर
सूत्रों ने कहा कि अगर जीएसटी की सीमा को 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया जाता है, तो इससे लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक राजस्व उत्पन्न हो सकता है। हालांकि, मुद्रास्फीति के कारण, अधिकांश जीओएम सदस्यों का मत था कि जीएसटी दरों में बदलाव करने का वर्तमान समय सही नहीं हो सकता है। वहीं कुछ सदस्य 12 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब को एक सामान्य 15 फीसदी में विलय करने के पक्ष में हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।