नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लोगों को झटका लग सकता है। दिल्ली में संपत्ति कर (Property Tax) में इजाफा हो सकता है क्योंकि पांचवीं नगर मूल्यांकन समिति (MVC) ने छह कारकों में वृद्धि की सिफारिश की है, जिनका उपयोग संपत्ति के वार्षिक मूल्य की गणना के लिए किया जाता है। समिति ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को अपनी अंतरिम रिपोर्ट में यह सुझाव दिए हैं। रिपोर्ट में समिति ने संकेत दिया कि मुद्रास्फीति की वजह से इन छह कारकों में वृद्धि की आवश्यकता है।
पहली MVC ने की थी बेस युनिट एरिया वैल्यू की सिफारिश
एमसीडी ने अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट अपलोड कर दी है और आम जनता से इस संदर्भ में आपत्तियां आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'प्रॉपर्टी के बेस युनिट मूल्य में 37 फीसदी की वृद्धि के लिए सुझाव है। बेस युनिट एरिया वैल्यू की सिफारिश साल 2004 में पहली मुनिसिपल वैल्युएशन समिति द्वारा की गई थी। यह अब तक अपरिवर्तित है।'
क्या होगा इसका असर?
अगर एमवीसी द्वारा प्रस्तावित वृद्धि को लागू किया जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप आवासीय कॉलोनियों सहित पूरे शहर में प्रॉपर्टी टैक्स में वृद्धि हो सकती है। एक संपत्ति का वार्षिक दर योग्य मूल्य (Rateable Value Of Property) छह कारकों के आधार पर निर्धारित किया जाता है - बेस युनिट एरिया वैल्यू, कुल कवर एरियाा, संपत्ति की आयु, ऑक्युपेंसी (स्वामित्व या किराए पर), संरचनात्मक कारक (अर्ध-कच्चा या पक्का) और उपयोग कारक (आवासीय या वाणिज्यिक)। प्रॉपर्टी टैक्स की राशि इस मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत होती है।
दिल्ली कॉलोनियों का विभाजन
दिल्ली में कॉलोनियों को A से H तक आठ कैटेगरी में विभाजित किया गया है। A और B कैटेगरी की कॉलोनियों में पॉश एरियाा, C और D में मध्यम वर्ग के पड़ोस, E और F में निम्न मध्यम वर्ग के एरियाा और G और H में अनधिकृत कॉलोनियां शामिल हैं। प्रस्तावित मूल्य कैटेगरी A के लिए 800 रुपये, कैटेगरी B के लिए 680 रुपये, कैटेगरी C के लिए 550 रुपये, कैटेगरी D के लिए 440 रुपये और कैटेगरी E के लिए 370 रुपये है।
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