नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था। जो चरणबद्ध तरीके से 31 मई तक लागू रहा। इस दौरान सभी यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन को सस्पेंड कर दिया गया था। भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने इस दौरान बुक किए गए ट्रेन टिकटों (train tickets) को रद्द करने का फैसला लिया है। रेलवे ने मंगलवार को 14 अप्रैल या उससे पहले नियमित ट्रेनों के लिए बुक की गईं सभी ट्रेन टिकटों को रद्द करने की घोषणा की और कहा कि टिकटों का रिफंड किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड ने 22 जून की तारीख के एक आदेश में कहा कि यह तय किया गया है कि नियमित टाइम-टेबल वाली ट्रेनों के लिए 14 अप्रैल को या उससे पहले बुक की गई सभी ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया जाना चाहिए और पूरा रिफंड जेनरेट किया जाना चाहिए। इससे पहले 14 मई को, रेलवे ने 30 जून तक यात्रा के लिए बुक किए गए सभी नियमित ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया था और पूर्ण रिफंड पर फैसला किया था। ये टिकट लॉकडाउन अवधि के दौरान बुक किए गए थे, जब रेलवे जून में यात्रा के लिए बुकिंग की अनुमति दे रहा था।
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई। जिसके जरिए रेलवे एक मई से लेकर अब तक 4,436 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला चुका है और 62 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुका है। इसके अलावे 30 एसी स्पेशल ट्रेनें भी चलाई। बाद में इसकी संख्या बढ़ाकर 230 कर दी गई।
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