Rakesh Jhunjunwala Passed away: जाने-माने कारोबारी और निवेशक राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे। रविवार (14 अगस्त, 2022) को महाराष्ट्र के मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 62 साल के थे। हमारे सहयोगी बिजनेस चैनल की जानकारी के मुताबिक, झुनझुनवाला कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे थे।
कारोबार जगत में अपनी अलग किस्म की पैठ की वजह से उन्हें "इंडिया का वॉरेन बफे", "किंग ऑफ डिविडेंड" और "दलाल स्ट्रीट का बुल" तक कहा जाता था। वह ट्रेडर के अलावा सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) भी थे।
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बेबाक था स्वभाव, रिस्क लेने में न हटते थे पीछे
देश के नामचीन लोगों और धनकुबेरों में उनकी गिनती की जाती थी। वह हंगामा मीडिया और एपटेक के चेयरमैन भी थे। साथ ही वायरॉय होटल्स, कानकॉर्ड बायोटेक, प्रोवोग इंडिया और जियोजीत फाइनैंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर भी थे। बेबाकी उनके स्वभाव में थे। देखिए, उनके एक पुराने इंटरव्यू का एक रोचक हिस्साः
झुनझुनवाला के परिवार में कौन-कौन है?
5 जुलाई, 1960 में जन्मे झुनझुनवाला ने शेयर कारोबार में निवेश के जरिए करीब 46 हजार करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा किया। वह अपने पीछे पत्नी रेखा, बेटी निष्ठा, बेटे आर्यमान और आर्यवीर को छोड़ गए। उनका सबसे अधिक निवेश टाइटन, स्टार हेल्थ, मेट्रो ब्रांड, टाटा मोटर्स और क्रिसिल में था।
कॉलेज के दिनों में करने लगे थे ट्रेडिंग
मिडिल क्लास परिवार में जन्मे झुनझुनवाला फाइनैंस बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते थे और स्टॉक मार्केट के प्रति लंबे समय से उनका झुकाव था। वह जब कॉलेज में थे, तब ही उन्होंने ट्रेडिंग करना शुरु कर दिया था। यह बात साल 1985 के आसपास की है। उन्होंने तब 5000 रुपए लगाए थे। उसके बाद उन्होंने कभी पूछे मुड़कर न देखा और फिर आगे चलकर 2022 तक उन्होंने 4.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार) की नेट वर्थ बना ली।
पिता ने जब पैसे देने से कर दिया था इन्कार
झुनझुनवाला बेशक स्टॉक मार्केट को लेकर दोस्त-यारों में बात करते थे, पर पिता ने कभी उन्हें ट्रेडिंग के लिए पैसे देने से साफ इन्कार कर दिया था। जोखिम उठाते हुए उन्होंने अपने भाई के क्लाइंट्स से रुपए उधार लिए और वादा किया कि वह उन्हें अधिक रिटर्न के साथ उन्हें वह मूल रकम लौटाएंगे। 1986 में जब उन्होंने टाटा टी के 5000 शेयर 43 रुपए में खरीदे तब उन्हें बड़ा मुनाफा हुआ। तीन महीनों में उन्हें तिगुना प्रॉफिट (143 रुपए) हुआ था।
बॉलीवुड फिल्में को भी किया प्रड्यूस
उन्होंने तीन बॉलीवुड फिल्में भी प्रड्यूस की थीं, जिनमें इंग्लिश विंग्लिश, शमिताभ और कि एंड का शामिल हैं। उन्होंने इसके अलावा 1999 में चार साझेदारों के साथ मिलकर हंगामा डिजिटल मीडिया की शुरुआत की, जिसका नाम आगे चलकर हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड हो गया।
फूडी भी थे, ये चीजें थीं बेहद पसंद
कम लोग ही जानते हैं कि वह खाने के बड़े शौकीन थे। उन्हें स्ट्रीट फूड, डोसा और चाइनीज कूजीन बेहद पसंद था। दिल से मुंबईकर थे और पावभाजी बड़े चाव से खाते थे। फ्री समय में वह खाने-पीने से जुड़े शो देखना पसंद करते थे।
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